दामोदर लाल व्यास (Damodar Lal Vyas), जिन्हें “राजस्थान का लौह पुरुष” (Iron man of Rajasthan) के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 14 फरवरी 1883 को राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा में हुआ था।

Damodar lal vyas: Iron man of Rajasthan
दामोदर लाल व्यास

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Damodar Lal Vyas का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:

  • व्यास जी (Damodar Lal Vyas) ने 1920 के दशक में महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया।
  • उन्होंने 1921 में असहयोग आंदोलन, 1930 में नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।
  • उन्हें कई बार ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेल में भी जाना पड़ा।

राजनीतिक जीवन:

  • स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, व्यास जी राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री बने।
  • उन्होंने 1948 से 1951 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
  • उन्होंने राजस्थान के विकास और समृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं।
  • वे 1954 से 1957 तक राजस्थान के राज्यपाल भी रहे।

समाज सुधार:

  • व्यास जी एक समाज सुधारक भी थे।
  • उन्होंने जातिवाद, छुआछूत और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
  • उन्होंने महिला शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया।

उपलब्धियां:

  • व्यास जी को उनकी साहसी भावना, दृढ़ संकल्प और राजस्थान के प्रति समर्पण के लिए “लौह पुरुष” के रूप में जाना जाता है।
  • उन्हें 1958 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
  • 1964 में उनका निधन हो गया।

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व्यास जी की विरासत:

  • व्यास जी आज भी राजस्थान के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
  • उनका जीवन और कार्य हमें सिखाता है कि हमें हमेशा सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ना चाहिए।
  • वे एक महान नेता थे जिन्होंने राजस्थान के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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