चंडीगढ़ (Chandigarh) मेयर (Mayor) चुनाव में एक नाटकीय मोड़ आया है, जिससे परिणाम पूरी तरह से बदल सकता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार (20 फरवरी) को आठ अवैध घोषित वोटों को वैध घोषित कर दिया है, जिसका मतलब है कि चुनाव फिर से गिनती का सामना कर सकता है और संभावित रूप से नए विजेता का ताज पहनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर सोमवार (19 फरवरी) को चुनाव अधिकारी अनिल मसीह (Anil masih) से कड़े सवाल पूछे।
क्या हुआ? Chandigarh Mayor election controversy
- 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस गठबंधन (20 वोट) भारतीय जनता पार्टी (BJP) (16 वोट) से आगे थे।
- हालांकि, निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह ने AAP-कांग्रेस के आठ वोटों को “अमान्य” घोषित कर दिया, जिससे बीजेपी के मनोज सोनकर 16 वोटों के साथ विजेता बन गए।
- AAP और कांग्रेस ने इस कदम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है? Supreme Court’s Decision
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मसीह द्वारा अमान्य घोषित किए गए आठ वोटों को खारिज करने का कोई ठोस कारण नहीं था।
- अदालत ने उन्हें “वैध” घोषित कर दिया, जिसका मतलब है कि उन्हें मतगणना में शामिल किया जाएगा।
- इन वोटों को फिर से गिना जाना है।
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अब क्या होगा?
- नए फैसले से स्थिति पूरी तरह से बदल गई है।
- वैध घोषित आठ वोटों को जोड़ने पर AAP-कांग्रेस गठबंधन के पास 28 वोट हो जाएंगे, जबकि BJP के पास 16 ही रहेंगे।
- इससे स्पष्ट होता है कि गठबंधन जीत के लिए पसंदीदा बन गया है।
- लेकिन यह अभी अंतिम नहीं है।
अनिल मसीह पर कार्रवाई और आगे की सुनवाई: Enquiry will conduct on Anil Masih
अदालत ने मंगलवार (20 फरवरी) को होने वाली सुनवाई के दौरान सभी बैलट पेपर पेश करने का आदेश दिया है।
अनिल मसीह ने कोर्ट में स्वीकार किया कि उन्होंने कुछ बैलट पेपर पर क्रॉस (‘X’) का निशान बना दिया था। उन्होंने दावा किया कि यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि इन “विकृत” बैलट पेपर की गिनती नहीं की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।
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सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस ने मसीह से पूछा:
- आपने बैलट पेपर पर क्रॉस (‘X’) का निशान क्यों बनाया?
- क्या आपने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का पालन किया?
- क्या आपने यह सुनिश्चित किया कि सभी बैलट पेपर गुप्त रखे गए थे?
मसीह ने इन सवालों के जवाब में कहा:
- उन्होंने बैलट पेपर को “विकृत” होने के कारण चिह्नित किया था।
- उन्होंने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का पालन किया था।
- उन्होंने सभी बैलट पेपर को गुप्त रखने की कोशिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने पांच फरवरी को हुई सुनवाई में रिटर्निंग ऑफ़िसर अनिल मसीह (Anil Masih) को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था कि मसीह ने चुनाव प्रक्रिया में “हस्तक्षेप” किया था और उन्हें “तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।”
मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। मंगलवार (20 फरवरी) को होने वाली सुनवाई में अदालत सभी बैलट पेपर की जांच करेगी और इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने मसीह पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है और उन्हें 25 फरवरी को जवाब देने के लिए कहा है।
- अदालत 25 फरवरी को इस मामले की आगे सुनवाई भी करेगी।
अनिश्चितता का दौर: BJP, AAP and Congress on supreme court’s decision on Chandigarh mayor election dispute
- इस कदम से भाजपा के लिए झटका लगा है, जबकि AAP-कांग्रेस खेमे में खुशी की लहर है।
- हालांकि, अंतिम निर्णय अभी बाकी है। सुप्रीम कोर्ट 25 फरवरी को क्या फैसला करता है, यह देखा जाना बाकी है।
- एक तरफ मसीह के खिलाफ कार्रवाई का सवाल है, दूसरी तरफ नई मतगणना का परिणाम और अदालत का अंतिम फैसला।
- ये सभी कारक अगले हफ्ते चंडीगढ़ मेयर चुनाव के भविष्य को तय करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला नाटकीय रहा है और इसने पूरी चुनाव लड़ाई को पलट कर दिया है। अगले कुछ दिनों में होने वाली घटनाएं चंडीगढ़ के नए मेयर का फैसला करेंगी।