कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी मंगलवार को राजस्थान से राज्य सभा के लिए निर्विरोध चुनी गईं। लोकसभा में 6 कार्यकाल पूरा करने के बाद उच्च सदन में यह उनका पहला कार्यकाल है।
लोकसभा में रायबरेली का प्रतिनिधित्व करने वाली सोनिया गांधी ने वहां के लोगों के लिए एक भावनात्मक नोट लिखा था। यह साझा करते हुए कि वह अपनी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण इस साल इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी, सोनिया ने लिखा, “मेरे स्वास्थ्य और उम्र के कारण, मैं आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाऊंगी।
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सोनिया गांधी निर्विरोध निर्वाचित: Sonia Gandhi nominated for rajasthan rajya sabha
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सोमवार को राजस्थान से निर्विरोध Rajya Sabha सदस्य के रूप में निर्वाचित घोषित किया गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता के साथ भारतीय जनता पार्टी के दो उम्मीदवार चुन्नलाल गरासिया और मदन राठौर भी बिना किसी विरोध के जीत गए।
Rajya Sabha चुनाव से पहले हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख के बाद नामांकन पत्र दाखिल करने वालों की संख्या सीटों से अधिक नहीं होने के कारण तीनों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
सोनिया गांधी का यह पहला राज्यसभा कार्यकाल होगा। वह इससे पहले पांच बार लोकसभा सांसद के रूप में रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। 2019 में कांग्रेस की कड़े मुकाबले में हार के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था।
कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी की जीत का स्वागत किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि “उनका अनुभव और नेतृत्व राज्यसभा में पार्टी को मजबूती देगा।”
दो भाजपा नेता भी हुए निर्वाचित: 2 BJP candidates also nominated for Rajasthan Rjya sabha
चुन्नलाल गरासिया (भाजपा): गरासिया राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से आते हैं और वर्तमान में डूंगरपुर से भाजपा विधायक हैं। वह आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और पूर्व में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
मदन राठौर (भाजपा): राठौर राजस्थान के जोधपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं और वर्तमान में चित्तौड़गढ़ से भाजपा विधायक हैं। वह पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं और पूर्व में स्पीकर और मंत्री भी रह चुके हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दोनों उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित किया गया था, इसलिए राज्यसभा चुनाव में उनके बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी। हालांकि, दोनों ही भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनका संसद में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने का लंबा अनुभव है।
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कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- सोनिया गांधी पहली बार Rajya Sabha सांसद बनीं।
- चुनाव निर्विरोध होने के कारण उन्हें विपक्ष का सामना नहीं करना पड़ा।
- कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनकी जीत का स्वागत किया है।