Supreme Court ने पतंजलि के उत्पादों के विज्ञापनों पर नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि सरकार इस मामले में आंखें मूंदे बैठी है और पतंजलि अपने उत्पादों के लिए झूठे और भ्रामक दावे कर रही है।
यह टिप्पणी न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश हिमा कोहली की पीठ ने तब की जब एक याचिकाकर्ता ने पतंजलि के उत्पादों के विज्ञापनों पर रोक लगाने की मांग की। याचिकाकर्ता ने कहा कि पतंजलि अपने उत्पादों के लिए अवास्तविक और अतिशयोक्तिपूर्ण दावे कर रही है, जो उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पतंजलि के विज्ञापनों पर पहले ही कई बार आपत्ति जताई जा चुकी है, लेकिन सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और पतंजलि को अपने विज्ञापनों में झूठे और भ्रामक दावे करने से रोकना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया है। सरकार को अब पतंजलि के विज्ञापनों पर कार्रवाई करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि कंपनी अपने उत्पादों के लिए झूठे और भ्रामक दावे न करे।
Maryam Nawaz: पाकिस्तान की पहली महिला मुख्यमंत्री
पतंजलि के विज्ञापनों पर आरोप: Allegations on Patanjali advertisements
पतंजलि के विज्ञापनों पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। इनमें से कुछ आरोप इस प्रकार हैं:
- झूठे और भ्रामक दावे: पतंजलि अपने उत्पादों के लिए अवास्तविक और अतिशयोक्तिपूर्ण दावे करती है।
- वैज्ञानिक प्रमाणों का अभाव: पतंजलि अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं पेश करती है।
- आयुर्वेदिक सिद्धांतों का दुरुपयोग: पतंजलि आयुर्वेदिक सिद्धांतों का दुरुपयोग करती है और अपने उत्पादों को अत्यधिक प्रभावी बताती है।
- अनैतिक विज्ञापन: पतंजलि के विज्ञापन अक्सर अश्लील और भ्रामक होते हैं।
सरकार की भूमिका: role of government
सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनियां अपने उत्पादों के लिए झूठे और भ्रामक दावे न करें। इसके लिए सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
- विज्ञापन नियमों को सख्त करना: सरकार को विज्ञापन नियमों को सख्त करना चाहिए और कंपनियों को अपने दावों का समर्थन करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण पेश करने के लिए बाध्य करना चाहिए।
- आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए नियम बनाना: सरकार को आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए नियम बनाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनियां आयुर्वेदिक सिद्धांतों का दुरुपयोग न करें।
- उपभोक्ताओं को जागरूक करना: सरकार को उपभोक्ताओं को जागरूक करना चाहिए ताकि वे झूठे और भ्रामक विज्ञापनों से बच सकें।
Join News-Rajasthan whatsapp channel for latest updates