भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को नए सोने के ऋण देने पर रोक लगाने के निर्देश के बाद, IIFL फाइनेंस के शेयर आज सुर्खियों में हैं। यह कदम सोने की कीमतों में उछाल को रोकने के लिए उठाया गया है, जो हाल ही में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।
RBI के इस फैसले से NBFC क्षेत्र की कंपनियों को झटका लग सकता है, जिनके कारोबार का एक बड़ा हिस्सा सोने के ऋण से आता है। हालांकि, यह कदम सोने की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे महंगाई कम हो सकती है।
IIFL फाइनेंस
IIFL फाइनेंस, जिसे पहले IIFL होल्डिंग्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, भारत की एक प्रमुख वित्त और निवेश सेवा कंपनी है। यह कंपनी सोने के लोन, बिजनेस लोन, व्यक्तिगत लोन और वित्तीय सलाहकार सेवाएं प्रदान करती है। इसके अलावा, यह कंपनी अपने सहयोगी संस्थानों के माध्यम से वित्त पोषण, संपत्ति प्रबंधन, ब्रोकिंग, वित्तीय उत्पाद वितरण, निवेश बैंकिंग, संस्थागत इक्विटीज, रियल्टी और संपत्ति सलाहकार सेवाएं भी प्रदान करती है।
कंपनी की स्थापना 1995 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई, भारत में है। IIFL फाइनेंस भारत के प्रमुख शहरों में 2,200 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क रखती है।
- IIFL फाइनेंस के शेयर 20% की निचली सर्किट पर बंद हुए।
- यह गिरावट पिछले 52 हफ्तों में सबसे बड़ी है।
- कंपनी का बाजार मूल्य 4,000 करोड़ रुपये से अधिक घट गया।
इस का IIFL फाइनेंस पर संभावित प्रभाव:
- आय में कमी: IIFL फाइनेंस को नए गोल्ड लोन नहीं देने से कंपनी की आय में कमी आएगी।
- मुनाफे में कमी: कम आय से कंपनी के मुनाफे में भी कमी आएगी।
- शेयरों में गिरावट: निवेशकों द्वारा कंपनी के भविष्य की संभावनाओं को लेकर नकारात्मक भावना के कारण IIFL फाइनेंस के शेयरों में गिरावट आ सकती है।
- नई योजनाओं में बाधा: कंपनी को अपनी नई योजनाओं और विस्तार योजनाओं को स्थगित करना पड़ सकता है।
Tata shares ने मचाया तहलका: 3 महीने में भाव डबल, जानिए क्यों और आगे क्या?
RBI ने NBFC को गोल्ड लोन देना बंद करने को कहा
भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 मार्च, 2024 को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को नए सोने के ऋण देने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। यह कदम सोने की कीमतों में उछाल को रोकने के लिए उठाया गया है, जो हाल ही में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यह कदम सोने की कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। बैंक ने कहा कि NBFCs के पास पहले से ही दिए गए सोने के ऋणों को वसूलने की अनुमति होगी, लेकिन वे नए ऋण नहीं दे सकेंगे।
आरबीआई के इस फैसले से NBFC क्षेत्र की कंपनियों को झटका लग सकता है, जिनके कारोबार का एक बड़ा हिस्सा सोने के ऋण से आता है। हालांकि, यह कदम सोने की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे महंगाई कम हो सकती है।