राजस्थान के कोटा (Kota) शहर में खुशियों का पर्व शिवरात्रि मातम में बदल गया। शुक्रवार को धार्मिक जुलूस (Shivratri) के दौरान अचानक हुई एक भयानक घटना ने सभी का दिल दहला दिया। जुलूस में शामिल 17 मासूम बच्चे और एक महिला बिजली (Electric shock) की चपेट में आकर झुलस गए। इनमें से एक बच्चे की हालत इतनी गंभीर बताई जा रही है कि डॉक्टरों को उसकी जान बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।
कैसे हुआ हादसा? Kota Electric shock incident on Shivratri
- घटना शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे की है। कोटा के काली बस्ती इलाके में शिवरात्रि का जुलूस निकाला जा रहा था।
- खुशी के माहौल में बच्चे भी बड़े उत्साह के साथ जुलूस में शामिल थे, बताया जा रहा है कि जुलूस में शामिल कुछ बच्चे एक कलश (धातु का पात्र) लिए हुए थे, जिसके साथ एक लोहे की रॉड पर झंडा लगा हुआ था।
- हादसा इसी दौरान हुआ, यह रॉड गलती से ऊपर से गुजर रहे हाई-टेंशन तार के संपर्क में आ गई।
- बिजली की तेज झटका के साथ चीख-पुकार मच गई। आसपास मौजूद लोग सहम गए।
मौके पर पहुंची मदद और जांच के आदेश
घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग दौड़ पड़े। झुलसे हुए बच्चों को तुरंत निकट के अस्पताल पहुंचाया गया। जिला प्रशासन को भी सूचना दी गई। कोटा के MBS अस्पताल में सभी घायलों का इलाज किया जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला समेत कई स्थानीय अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नगर ने भी अस्पताल का दौरा किया। इस हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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शोक की लहर
यह हादसा पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। हर तरफ दुख और चिंता का माहौल है। जहाँ एक तरफ शिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ यह हादसा लोगों के लिए गहरे सदमे जैसा है। उम्मीद की जा रही है कि सभी घायल जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएंगे, लेकिन इस हादसे ने यह भी सवाल खड़ा कर दिया है कि जुलूसों के आयोजन के दौरान सुरक्षा के कितने इंतजाम किए जाते हैं।