पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल भारत के शुष्क राजस्थान प्रदेश में फल-फूल रही है। “पारिवारिक वानिकी राम रूख अभियान” (FRRRA) के तहत हजारों निवासियों ने “हरित राम दूत” (भगवान राम के हरित दूत) (Harit ram doots) के रूप में शपथ ली है। यह कार्यक्रम उनके घरों में फलदार वृक्षों को शामिल करने और एक सतत जीवनशैली को अपनाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
शपथ ग्रहण समारोह (Rajasthan FRRRA Oath taking Ceremony)
FRRRA ने हाल ही में बीकानेर जिले के अंतर्गत स्थित रिड़ी गांव में एक महत्वपूर्ण शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया। शांत वातावरण इस समारोह के लिए उपयुक्त पृष्ठभूमि प्रदान करता है, जहां पारिवारिक वानिकी से जुड़े स्वयंसेवकों ने इस कार्य के प्रति अपनी निष्ठा का संकल्प लिया। प्रोफेसर ज्यानी के साथ इस समारोह में पुलिस महानिरीक्षक, बीकानेर रेंज ओम प्रकाश सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
प्रोफेसर श्याम सुंदर ज्यानी ने किया अभियान का नेतृत्व (Professor Shyam Sundar Jyani led the campaign)
संयुक्त राष्ट्र से प्रतिष्ठित “लैंड फॉर लाइफ अवार्ड” प्राप्त प्रोफेसर श्याम सुंदर ज्यानी इस एफआरआरआरए के प्रेरणा स्रोत हैं। उनका लक्ष्य इस कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर लाखों परिवारों के बीच पर्यावरण ज्ञान फैलाने और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक माध्यम के रूप में स्थापित करना है।
समारोह में उजागर हुईं एफआरआरआरए की प्रमुख बातें Highlights of FRRRA highlighted in the ceremony
- सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में योगदान: एफआरआरआरए एसडीजी प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, खासकर “स्थल पर जीवन” पर केंद्रित एसडीजी 15 को प्राप्त करने में।
- वृक्षारोपण अभियान: भारत-पाक सीमा से लगे रेगिस्तानी गांवों में 11,000 से अधिक देशी फलदार वृक्षों के पौधे लगाए गए हैं।
- सामुदायिक भागीदारी: पूरे बीकानेर रेंज के पुलिस स्टेशनों ने पौधों को प्रतीकात्मक भेंट के रूप में वितरित करके सक्रिय रूप से भाग लिया।
- मानव-प्रकृति संबंध: यह पहल मानव-प्रकृति के संबंध पर बल देती है।
हरित संरक्षण की विरासत: Legacy of Green Conservation
कविता ज्यानी (सेंटर फॉर फैमिलियल फॉरेस्ट्री और सेंटर फॉर कम्युनिटी सोशियोलॉजी):
- पहल की शुरुआत दो दशक पहले प्रोफेसर ज्यानी के दूरदृष्टिपूर्ण विजन से हुई थी।
- यह पहल सामुदायिक भागीदारी और सामाजिक परिवर्तन पर आधारित है।
- यह पहल पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
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वैश्विक प्रयासों के साथ संरेखित: Align with global efforts
अवनी ज्यानी ने बताया कि कार्यक्रम को 2030 में संयुक्त राष्ट्र के पारिस्थितिकी तंत्र बहाली दशक के साथ पूरा करने की योजना है। लगाए गए सभी पौधों की भौगोलिक स्थिति का निर्धारण (जियोटैगिंग) इस पहल के प्रभाव को और मजबूत करेगा और वैश्विक पर्यावरणीय प्रयासों में योगदान देगा।
FRRRA समुदाय-आधारित पर्यावरणीय कार्रवाई का एक सराहनीय उदाहरण है। “हरित राम दूत” के रूप में राजस्थान के लोग अपने दैनिक जीवन में सतत प्रथाओं को अपनाकर हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।