डेंगू (Dengue) बुखार मच्छरों से फैलने वाली एक वायरल बीमारी है। यह एक गंभीर बीमारी हो सकती है, खासकर बच्चों और पहले कभी संक्रमित नहीं हुए लोगों के लिए। डेंगू बुखार डेंगू वायरस के कारण होता है। यह वायरस चार प्रकार के होते हैं: डेंगू वायरस 1 (DENV-1), डेंगू वायरस 2 (DENV-2), डेंगू वायरस 3 (DENV-3), और डेंगू वायरस 4 (DENV) -4)। डेंगू बुखार दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।Dengue Fever

डेंगू बुखार का कारण: Vector of Dengue Fever

Dengue Bukhar kis Machhar se hota hai? डेंगू बुखार एक खास तरह के मच्छर के काटने से फैलता है, जो एडीज (Aedes) नामक जीनस से संबंधित होता है। इसमें सबसे मुख्य भूमिका निभाता है (Dengue Mosquito Name) एडीज इजिप्टी मच्छर (Aedes aegypti mosquito)

Aedes aegypti mosquito
Aedes aegypti mosquito
  • मुख्य वाहक: एडीज इजिप्टी मच्छर (Aedes aegypti mosquito)
  • संभावित रूप से फैलाने वाले अन्य मच्छर: हालांकि डेंगू फैलाने में एडीज इजिप्टी मच्छर सबसे आम है, लेकिन एडीज की अन्य प्रजातियां, जैसे एडीज एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus), एडीज पॉलीनेशिएंसिस (Aedes polynesiensis) और एडीज स्कूटेलारिस (Aedes scutellaris) भी डेंगू फैला सकती हैं, हालांकि इनका योगदान कम माना जाता है।

डेंगू बुखार के लक्षण: Dengue ke lakshan, Dengue Symptoms

डेंगू बुखार के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 4 से 10 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • तेज बुखार
  • तेज सिरदर्द
  • आंखों के पीछे दर्द
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द (इसे अक्सर हड्डी टूटने जैसा दर्द बताया जाता है)
  • मिचली और उल्टी
  • थकान
  • त्वचा पर लाल चकत्ते (आमतौर पर बुखार शुरू होने के 2-3 दिन बाद दिखाई देते हैं)
Dengue Symptoms
Dengue Symptoms

डेंगू बुखार के लक्षण शिशुओं में: Dengue Fever Symptoms for Babies

शिशुओं में डेंगू के लक्षण वयस्कों से थोड़े अलग हो सकते हैं। माता-पिता को इन सूक्ष्म संकेतों पर ध्यान देना चाहिए और यदि वे किसी का भी अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

शिशुओं में डेंगू के कुछ सामान्य लक्षण:

  • तेज बुखार (103°F या 39°C से अधिक): शिशु को छूने पर उनका शरीर गर्म महसूस हो सकता है।
  • चिड़चिड़ापन और बेचैनी: शिशु असामान्य रूप से चिड़चिड़ा हो सकता है या उसे दूध पीने में परेशानी हो सकती है।
  • भूख कम लगना या दूध पीने में कमी: आपका शिशु सामान्य से कम खा सकता है या दूध पीने में रुचि नहीं दिखा सकता है।
  • असामान्य नींद पैटर्न: शिशु ज्यादा सो सकता है या उसे सोने में परेशानी हो सकती है।
  • त्वचा का पीला पड़ना (Pale Skin): शिशु की त्वचा सामान्य से अधिक पीली पड़ सकती है।
  • दस्त या उल्टी: शिशु को दस्त या उल्टी हो सकती है।

गंभीर डेंगू के लक्षण: Gambhir Dengue ke Lakshna/ Symptoms

कुछ लोगों में, डेंगू बुखार गंभीर हो सकता है और डेंगू रक्तस्रावी ज्वर (Dengue Hemorrhagic Fever) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome) का रूप ले सकता है। इनके लक्षणों में शामिल हैं:

  • तेज पेट दर्द
  • लगातार उल्टी
  • मसूड़ों से खून आना
  • नाक से खून बहना
  • त्वचा के नीचे रक्तस्राव ( आसानी से चोट लगना)
  • बेहोशी

यदि आपको लगता है कि आपको गंभीर डेंगू हो सकता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

डेंगू संक्रमण के लिए टेस्ट: Dengue Diagnosis Tests

डेंगू के संक्रमण का पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं। डॉक्टर आपके लक्षणों और संक्रमण के संदेह के समय के आधार पर यह तय करेंगे कि कौन सा टेस्ट सबसे उपयुक्त रहेगा। यहां कुछ सामान्य डेंगू निदान परीक्षणों के नाम हिंदी में दिए गए हैं:Dengue fever tests and cost

  • डेंगू एनएस1 एंटीजन परीक्षण (Dengue NS1 Antigen Test): यह एक तेज़ परीक्षण है जो यह पता लगा सकता है कि वर्तमान में आपके शरीर में डेंगू वायरस मौजूद है या नहीं। यह परीक्षण संक्रमण के शुरुआती चरणों में भी कारगर होता है।

  • डेंगू आईजीएम एंटीबॉडी टेस्ट (Dengue IgM Antibody Test): यह परीक्षण यह पता लगा सकता है कि आप हाल ही में डेंगू से संक्रमित हुए हैं या नहीं। यह टेस्ट आमतौर पर संक्रमण के 5-7 दिनों बाद किया जाता है।

  • डेंगू आईजीजी एंटीबॉडी टेस्ट (Dengue IgG Antibody Test): यह परीक्षण यह बता सकता है कि क्या आप अतीत में कभी डेंगू से संक्रमित हुए हैं।

  • सीबीसी (CBC – Complete Blood Count): यह एक व्यापक रक्त परीक्षण है जो आपके रक्त कोशिकाओं की संख्या और प्रकार की जांच करता है। डेंगू में प्लेटलेट काउंट कम हो सकता है, इसलिए सीबीसी टेस्ट से इसपर भी नज़र रखी जा सकती है।

डॉक्टर यह भी सलाह दे सकते हैं कि आप लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) करवाएं। यह टेस्ट आपके लिवर की कार्यप्रणाली की जांच करता है, जिसे डेंगू गंभीर होने पर प्रभावित कर सकता है।

डेंगू का इलाज: Dengue ka ilaj, Dengue Treatment

डेंगू का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। उपचार आमतौर पर लक्षणों को कम करने पर केंद्रित होता है, जिसमें शामिल हैं:

  • पर्याप्त आराम करना
  • खूब सारे तरल पदार्थ लेना, जैसे कि पानी या इलेक्ट्रोलाइट घोल
  • बुखार कम करने वाली दवाएं, जैसे कि पेरासिटामोल (Paracetamol)
  • दर्द निवारक दवाएं

गंभीर डेंगू के मामलों में, अस्पताल में उपचार की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें अंतःशिरा तरल पदार्थ और रक्त संक्रमण की रोकथाम के लिए दवाएं शामिल हो सकती हैं।

डेंगू से बचाव: Dengue Prevention

डेंगू से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि मच्छरों के काटने से बचें। आप ये उपाय अपना सकते हैं:

  • अपने घर के आसपास खड़े पानी को जमा न होने दें, जहां मच्छर पैदा होते हैं।
  • दिन में भी पूरे कपड़े पहनें, खासकर ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े।
  • मच्छर भगाने वाली क्रीम (mosquito repellent) का इस्तेमाल करें।
  • सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं।

डेंगू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, इसलिए लक्षणों का ध्यान रखें और जल्दी से डॉक्टरी सलाह लें। इससे जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

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