Nawalgarh News: नवलगढ़वासियों के लिए गर्व का क्षण! हमारे अपने डॉ. राधेश्याम पारीक (Dr. Radheshyam Pareek) को भारत सरकार द्वारा देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान, पद्मश्री पुरस्कार (Padamshree), से सम्मानित किया गया है। डॉ. पारीक को यह सम्मान होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति (Homeopathic) में उनके अमूल्य योगदान के लिए दिया गया है।
पिछले 70 वर्षों से अधिक समय से डॉ. पारीक होम्योपैथी के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने अब तक 23 लाख से भी ज्यादा मरीजों का सफल इलाज किया है। उन्हें खासतौर पर कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों में होम्योपैथी के उपयोग पर अपने शोध के लिए जाना जाता है।
डॉ. राधेश्याम पारीक की उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं होतीं। उन्होंने रॉयल कॉलेज ऑफ लंदन से होम्योपैथी में शिक्षा प्राप्त की और बाद में अपने स्वयं के होम्योपैथी रिसर्च सेंटर की स्थापना की। यह सेंटर न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी सम्मानित है।
Dr. Radheshyam Pareek connection with Nawalgarh
डॉ. पारीक नवलगढ़ के मूल निवासी हैं। उनके सगे चाचा, डॉ. गणपतिराय पारीक, भी नवलगढ़ में एक प्रसिद्ध होम्योपैथ चिकित्सक थे। डॉ. राधेश्याम पारीक यहीं से प्रेरणा लेकर होम्योपैथी का रास्ता चुना। हालांकि वह आगे की शिक्षा के लिए आगरा चले गए, लेकिन उनका नवलगढ़ से लगाव कम नहीं हुआ।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. पारीक
डॉ. राधेश्याम पारीक सिर्फ एक सफल चिकित्सक ही नहीं हैं, बल्कि समाजसेवा के क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह नवलगढ़ में गौ सेवा और सन्यासी माताओं की सेवा जैसे कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
पूरे नवलगढ़ को गर्व है!
डॉ. राधेश्याम पारीक की यह उपलब्धि पूरे नवलगढ़ का सम्मान है। उनका यह सम्मान न केवल होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के महत्व को रेखांकित करता है बल्कि नवलगढ़ (Nawalgarh) की प्रतिभा को भी देश दुनिया में सार्वजनिक करता है।
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