Rajasthan High Court ने मंगलवार को उस जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के उपमुख्यमंत्री के रूप में “शपथ ग्रहण” को चुनौती दी गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि संविधान इस पद को मान्यता नहीं देता है।
याचिकाकर्ता वकील ओम प्रकाश सोलंकी ने भी नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की थी।
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कार्यवाहक (नामित) मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जनहित याचिका (PIL) में कोई ठोस सामग्री नहीं थी और यह केवल वकील द्वारा किया गया प्रचार स्टंट था।
अदालत ने जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी और याचिकाकर्ता द्वारा राज्य सरकार को भुगतान किए जाने वाले 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
कुमारी और बिरवा के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ शपथ लेने के एक दिन बाद 16 दिसंबर को जनहित PIL दायर की गई थी।
High court : बलात्कार पीड़िता की याचिका (PIL) को खारिज कर दिया