अलास्कापॉक्स वायरस (Alaskapox Virus) एक ऐसा नाम है जो हाल ही में सुर्खियों में आया है। 2015 में अलास्का की पिघलती परमाफ्रॉस्ट से निकला यह प्राचीन वायरस वैज्ञानिकों और आम जनता दोनों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इस लेख में, हम अलास्कापॉक्स वायरस के बारे में गहराई से जानेंगे, जिसमें इसकी खोज, संक्रमण के लक्षण, संभावित खतरे और बचाव के तरीके शामिल हैं।

Alaskapox virus
Alaskapox virus

Alaskapox virus Discovery and Origin:

2015 में, फेयरबैंक्स, अलास्का में शोधकर्ताओं ने पिघलती परमाफ्रॉस्ट से हजारों साल पुराने कार्बनिक पदार्थों का अध्ययन करते समय पहली बार अलास्कापॉक्स वायरस का पता लगाया था। माना जाता है कि यह वायरस सदियों से जमी हुई बर्फ में कैद था और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बर्फ के पिघलने से यह बाहर निकल आया।

Alaskapox virus Discovery and Origin
Alaskapox virus Discovery and Origin

अलास्कापॉक्स वायरस, उसी जीनस से संबंधित है जिसमें स्मॉलपॉक्स, मंकीपॉक्स और काऊपॉक्स जैसे वायरस शामिल हैं। इसी वजह से इसका नाम अलास्कापॉक्स रखा गया। हालांकि, यह अन्य ज्ञात पॉक्सविरस जितना घातक नहीं माना जाता है।

Alaskapox virus symptoms of infection

Alaskapox virus symptoms of infection
Alaskapox virus symptoms of infection

अलास्कापॉक्स से संक्रमित होने पर शुरुआती लक्षणों में बुखार, थकान और शरीर में दर्द शामिल हो सकते हैं। कुछ दिनों बाद, त्वचा पर लाल धब्बे या छाले निकल सकते हैं, जो आमतौर पर चेहरे पर शुरू होते हैं और फिर शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं। ये छाले दाने का रूप ले सकते हैं और घाव बन सकते हैं। अन्य लक्षणों में लिम्फ नोड्स में सूजन, मांसपेशियों में दर्द और गले में खराश शामिल हो सकते हैं।

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Alaskapox virus transmission and exposure

अभी तक अलास्कापॉक्स वायरस के प्राकृतिक जलाशय या प्राथमिक मेजबान के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। हालांकि, यह माना जाता है कि यह जंगली जानवरों, जैसे चूहों और गिलहरियों में पाया जा सकता है। मनुष्यों में संचरण संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क या उनके संक्रमित मलमूत्र या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से हो सकता है।

Alaskapox virus transmission and exposure
Alaskapox virus transmission and exposure

अब तक, केवल सात लोगों में ही अलास्कापॉक्स का संक्रमण पाया गया है, जिनमें से एक की दुर्भाग्य से 2024 में मृत्यु हो गई। यह संख्या कम होने के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि जलवायु परिवर्तन के कारण परमाफ्रॉस्ट के तेजी से पिघलने से भविष्य में संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो सकती है।

prevention and treatment (बचाव और उपचार):

अभी तक अलास्कापॉक्स वायरस के लिए कोई विशिष्ट टीका या दवा नहीं है। हालांकि, संक्रमण के प्रारंभिक चरणों में एंटीवायरल दवाएं कुछ हद तक लाभदायक हो सकती हैं। लक्षणों का उपचार और राहत ही मुख्य उपचार विकल्प है। साथ ही, संक्रमित व्यक्तियों को अलग रखना और संक्रमण को रोकने के लिए उचित स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

भविष्य के लिए चिंताएं:

अलास्कापॉक्स वायरस वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक नया और अपेक्षाकृत अज्ञात खतरा है। हालांकि, यह उम्मीद की जाती है कि जैसे-जैसे इसके बारे में अधिक शोध किया जाएगा, उसी तरह बचाव और उपचार के तरीके भी विकसित होंगे। फिर भी, भविष्य में संभावित जोखिमों को कम करने के लिए जलवायु परिवर्तन को रोकने के प्रयासों को गंभीरता से लेना महत्वपूर्ण है।

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