तमिलनाडु में DMK सरकार के लिए एक झटका देते हुए, मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को वरिष्ठ मंत्री I पेरियास्वामी को भ्रष्टाचार के मामले से बरी करने के निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया।

न्यायाधीश एन आनंद वेंकटेश ने हाईकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान ली गई पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए विशेष अदालत को निर्देश दिया है कि वह मुकदमे को फिर से शुरू करे, प्रतिदिन सुनवाई करे और इसे 31 मार्च या उससे पहले पूरा करे।

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DMK सरकार के लिए झटका, हाईकोर्ट ने 2012 के I. Periyasamy मामले में फिर से शुरू किया मुकदमा

मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को वरिष्ठ डीएमके मंत्री I पेरियास्वामी को बड़ा झटका दिया है। न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने पेरियास्वामी को भ्रष्टाचार के मामले से बरी करने के निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया है। इसे DMK सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

I. Periyasamy DMK
I. Periyasamy

Chennai High court का तीखा रुख: “कोई कानून से ऊपर नहीं”

न्यायमूर्ति वेंकटेश ने अपने आदेश में कहा है कि “किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे कानून से बच सकते हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि भले ही वे सत्ता के सर्वोच्च पद पर हों, वे बेदाग नहीं बच सकते।” उन्होंने कहा कि मुकदमे को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए इसे प्रतिदिन चलाया जाएगा और 31 मार्च तक पूरा करना होगा।

Madras High Court
Madras High Court

2012 का मामला, 2023 में बरी, अब फिर से मुकदमा

यह मामला साल 2012 में तत्कालीन AIADMK शासन के दौरान निगरानी और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) द्वारा पेरियास्वामी के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले से जुड़ा है। उस समय उन पर पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के एक पीएसओ को तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड (TNHB) का प्लॉट कथित रूप से अवैध रूप से आवंटित करने का आरोप था। हालांकि, मार्च 2023 में चेन्नई में सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की अतिरिक्त विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।

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हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, जल्द सुनाई होगी अंतिम फैसला

मद्रास हाईकोर्ट ने निचली अदालत के बरी करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि मंत्री को क्लीन चिट देकर बरी नहीं किया गया था, बल्कि पूर्व मंत्री पर मुकदमा चलाने के लिए पूर्व अनुमति नहीं मिलने के आधार पर बरी किया गया था। हाईकोर्ट ने DVAC को राज्यपाल से संपर्क नहीं करने पर भी फटकार लगाई। अब नए सिरे से शुरू हुए मुकदमे में जल्द ही अंतिम फैसला आने की उम्मीद है।

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