First God in Hinduism: हिंदू धर्म में “प्रथम ईश्वर” की अवधारणा अन्य धर्मों से भिन्न और जटिल है। एकल सृष्टिकर्ता वाले एकेश्वरवादी धर्मों के विपरीत, हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी भूमिका और महत्व है।

ब्रह्म: सृष्टि का परम स्रोत

हिंदू धर्म में, ब्रह्म को सर्वोच्च और परम सत्ता माना जाता है। यह निराकार, शाश्वत और असीम है, और सभी सृष्टि का मूल स्रोत है। ब्रह्म को अक्सर “ईश्वर” के रूप में अनुवादित किया जाता है, लेकिन यह एक व्यक्तिगत देवता नहीं है, बल्कि ब्रह्मांड की समग्र वास्तविकता का प्रतिनिधित्व करता है।

First God in Hinduism
त्रिमूर्ति: सृजन, संरक्षण और विनाश

First God in Hinduism: त्रिमूर्ति- सृजन, संरक्षण और विनाश

ब्रह्मांड के संचालन के लिए, ब्रह्म से तीन मुख्य देवता प्रकट हुए: ब्रह्मा, विष्णु और शिव

  • ब्रह्मा को सृष्टि का देवता माना जाता है, जो ब्रह्मांड को अस्तित्व में लाते हैं।
  • विष्णु को संरक्षक का पद प्राप्त है, जो ब्रह्मांड को संतुलन और व्यवस्था में बनाए रखते हैं।
  • शिव को विनाशक के रूप में जाना जाता है, जो पुराने को नष्ट करते हैं और नए के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं।

यह त्रिमूर्ति एक दूसरे के पूरक हैं और मिलकर ब्रह्मांड के चक्र को संचालित करते हैं।

अन्य देवी-देवता

ब्रह्मा, विष्णु और शिव के अलावा, हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है, जिनमें माँ दुर्गा, भगवान गणेश, भगवान कृष्ण, और देवी लक्ष्मी शामिल हैं। प्रत्येक देवता का अपना विशिष्ट क्षेत्र और प्रभाव होता है, और भक्त अपनी श्रद्धा और इच्छा के अनुसार उनका पूजन करते हैं।

निष्कर्ष:

हिंदू धर्म में “प्रथम ईश्वर” की अवधारणा सरल या एकल नहीं है। यह ब्रह्म, त्रिमूर्ति और अनेक देवी-देवताओं के जटिल और बहुआयामी विचारों को समाहित करता है। प्रत्येक देवता का अपना महत्व है और वे मिलकर ब्रह्मांड के चक्र को संचालित करते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हिंदू धर्म में विभिन्न सम्प्रदाय और दर्शन हैं, जिनमें “प्रथम ईश्वर” की अवधारणा की व्याख्या भिन्न हो सकती है।

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