Hydrogen Energy in India: दुनिया जीवाश्म ईंधनों के अत्यधिक उपयोग से जूझ रही है, जिसके कारण प्रदूषण बढ़ रहा है और जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं। इस संकट की घड़ी में हाइड्रोजन ऊर्जा एक उम्मीद की किरण के रूप में सामने आई है। यह स्वच्छ, नवीकरणीय और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है, जिसमें भारत का भविष्य निहित हो सकता है।

Hydrogen Energy in India
Hydrogen Energy in India

आइए देखें कि हाइड्रोजन ऊर्जा भारत के लिए किस प्रकार लाभकारी हो सकती है:

1. हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना (Fostering a Green Economy):

हाइड्रोजन ऊर्जा का उपयोग करने से जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होगी। हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं से निकलने वाला उत्सर्जन केवल जल वाष्प होता है, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता। यह भारत को हरित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

2. कार्बन उत्सर्जन में कमी (Reducing Carbon Emissions):

परंपरागत ईंधन के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है, जो ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है। हाइड्रोजन ऊर्जा कार्बन मुक्त है। इसके उपयोग से भारत अपने कार्बन पदच चिह्न को कम कर सकता है और जलवायु परिवर्तन से निपटने में योगदान दे सकता है।

3. ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना (Enhancing Energy Security):

भारत अपनी अधिकांश ऊर्जा आवश्यकताओं को आयात पर निर्भर करता है। हाइड्रोजन ऊर्जा का घरेलू उत्पादन भारत को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान कर सकता है और आयात पर निर्भरता कम कर सकता है।

4. हाइड्रोजन ईंधन सेल की क्षमता (Potential of Hydrogen Fuel Cells):

हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाएं वह तकनीक है जो हाइड्रोजन से बिजली उत्पन्न करती है। यह तकनीक परिवहन, उद्योग और आवासीय ऊर्जा प्रणालियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है।

  • परिवहन (Transportation): हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहन जीरो उत्सर्जन वाले होते हैं और इन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में तेजी से ईंधन भरा जा सकता है। यह भविष्य में सड़क परिवहन को स्वच्छ बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
  • उद्योग (Industry): हाइड्रोजन का उपयोग उद्योगों में कोयले और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों के विकल्प के रूप में किया जा सकता है। इससे औद्योगिक प्रक्रियाओं से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
  • आवासीय ऊर्जा प्रणालियां (Residential Energy Systems): हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं का उपयोग घरों में बिजली पैदा करने के लिए किया जा सकता है। यह विशेष रूप से उन दूरस्थ क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है जहां ग्रिड बिजली तक पहुंच मुश्किल है।

हालांकि, हाइड्रोजन ऊर्जा के व्यापक उपयोग के लिए अभी भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि हाइड्रोजन उत्पादन की लागत को कम करना और हाइड्रोजन ईंधन भरने के बुनियादी ढांचे का विकास करना।

लेकिन, भारत सरकार हाइड्रोजन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है, जिसमें राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत भी शामिल है। इन प्रयासों से भारत हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देशों में से एक बन सकता है और स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य की ओर तेजी से बढ़ सकता है।

भारत में हाइड्रोजन ऊर्जा नीतियां: विकास को गति देने वाली ताकत (Hydrogen Energy Policy in India: A Driving Force for Growth)

भारत सरकार हाइड्रोजन ऊर्जा को देश के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का एक महत्वपूर्ण स्तंभ मानती है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार कई नीतिगत पहल कर रही है।

Hydrogen Energy Key Projects in India
Hydrogen Energy Key Projects in India

आइए, इन नीतियों पर गौर करते है:

  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (National Hydrogen Mission): जनवरी 2023 में शुरू किया गया यह मिशन भारत को हाइड्रोजन उत्पादन, उपयोग और निर्यात में वैश्विक नेता बनाने का लक्ष्य रखता है। मिशन हरित हाइड्रोजन उत्पादन की लागत को कम करने, हाइड्रोजन ईंधन भरने के बुनियादी ढांचे का विकास करने और हाइड्रोजन आधारित अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

  • हरित हाइड्रोजन नीति (Green Hydrogen Policy): यह नीति हरित हाइड्रोजन उत्पादकों को कई प्रकार के प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:

    • अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन शुल्क में छूट
    • नवीकरणीय ऊर्जा बैंकिंग की सुविधा
    • खुली पहुंच और संपर्क के लिए समयबद्ध मंजूरी
  • वित्तीय प्रोत्साहन (Financial Incentives): सरकार हरित हाइड्रोजन उत्पादन और हाइड्रोजन ईंधन सेल निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है।

  • नियामक ढांचा (Regulatory Framework): सरकार हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण, परिवहन और उपयोग के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा विकसित कर रही है। यह ढांचा निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करेगा और बाजार में स्थिरता लाएगा।

नीतिगत हस्तक्षेप की भूमिका (Role of Policy Interventions):

सरकार की नीतिगत पहल हाइड्रोजन ऊर्जा क्षेत्र में निवेश, अनुसंधान और बाजार अपनाने को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

  • आकर्षक प्रोत्साहन (Attractive Incentives): सरकार द्वारा दी जाने वाली छूट और वित्तीय सहायता कंपनियों को हाइड्रोजन ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे क्षेत्र में अधिक पूंजी आकर्षित होगी।

  • अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना (Promoting Research and Development): मजबूत नियामक ढांचा और वित्तीय सहायता अनुसंधान संस्थानों और कंपनियों को हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विकास में निवेश करने के लिए प्रेरित करती है। इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और हाइड्रोजन ऊर्जा की लागत कम होगी।

  • बाजार अपनाने को बढ़ावा देना (Encouraging Market Adoption): सरकार की नीतियां हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों और हाइड्रोजन आधारित उद्योगों को बढ़ावा देती हैं। इससे बाजार में हाइड्रोजन की मांग बढ़ेगी और हाइड्रोजन ईंधन भरने के बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी।

हालांकि, अभी भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि हाइड्रोजन उत्पादन की लागत को कम करना और हाइड्रोजन ईंधन भरने के बुनियादी ढांचे का विकास करना। लेकिन, सरकार, शोध संस्थानों और निजी कंपनियों के निरंतर प्रयासों से भारत हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी देश बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

हरित हाइड्रोजन: भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की आधारशिला (Green Hydrogen: The Cornerstone of India’s Clean Energy Future)

हाइड्रोजन ऊर्जा भले ही क्रांतिकारी है, लेकिन यह तभी पर्यावरण के अनुकूल मानी जाती है जब इसका उत्पादन स्वच्छ स्रोतों से हो। यहीं पर “Green Hydrogen” की अवधारणा सामने आती है।

हरित हाइड्रोजन क्या है? (What is Green Hydrogen?)

Green Hydrogen वह हाइड्रोजन है जिसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे कि सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है। इस प्रक्रिया में जल का विद्युत अपघटन (electrolysis) किया जाता है, जिससे हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन गैस का उत्पादन होता है। चूंकि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाता है, इसलिए इस प्रक्रिया से कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है।

Green Hydrogen in India
Green Hydrogen in India

भारत के लिए हरित हाइड्रोजन का महत्व (Significance of Green Hydrogen for India):

भारत एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य लेकर चल रहा है – 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन हासिल करना। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीवाश्म ईंधनों से हटकर स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों की ओर तेजी से बढ़ना आवश्यक है। Green Hydrogen भारत के लिए इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

आइए देखें कैसे:

  • कम कार्बन उत्सर्जन (Low Carbon Emissions): जैसा कि बताया गया है, हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है। इसका उपयोग परिवहन, उद्योग और बिजली उत्पादन जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है, जिससे भारत अपने कार्बन पदचिह्न को कम कर सकता है।

  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग (Utilization of Renewable Energy Sources): भारत सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में अपार संभावनाएं रखता है। हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए इन स्रोतों का उपयोग करने से न केवल ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता भी कम होगी।

  • ऊर्जा भंडारण का समाधान (Energy Storage Solution): नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा अनियमित होती है। हरित हाइड्रोजन को ऊर्जा के रूप में संग्रहित किया जा सकता है और बाद में आवश्यकतानुसार इसका उपयोग किया जा सकता है। यह नवीकरणीय ऊर्जा को अधिक विश्वसनीय बनाता है।

हरित हाइड्रोजन उत्पादन में चुनौतियां (Challenges in Green Hydrogen Production):

  • लागत (Cost): फिलहाल, Green Hydrogen का उत्पादन पारंपरिक तरीकों से उत्पादित हाइड्रोजन की तुलना में अधिक महंगा है।

  • बुनियादी ढांचा (Infrastructure): Green Hydrogen उत्पादन, परिवहन और उपयोग के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता है।

भारत में हाइड्रोजन ऊर्जा के अग्रणी खिलाड़ी (Leading Players in Hydrogen Energy in India)

भारत में हाइड्रोजन ऊर्जा क्रांति कई कंपनियों के अथक प्रयासों से संचालित है। आइए, कुछ प्रमुख कंपनियों और उनके योगदानों पर नज़र डालें:

Leading Players in Hydrogen Energy in India
Leading Players in Hydrogen Energy in India
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited): रिलायंस नेट ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए हरित हाइड्रोजन उत्पादन में भारी निवेश कर रही है। कंपनी गुजरात में एकीकृत हरित हाइड्रोजन इकोसिस्टम स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसमें हरित हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और उपयोग शामिल है।

  • अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Limited): अडानी समूह भी हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कंपनी ने राजस्थान में एक हरित हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की है। यह संयंत्र अडानी समूह की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं से प्राप्त बिजली का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा।

  • एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC Limited): भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी भी हाइड्रोजन ऊर्जा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कंपनी ने गुजरात में प्राकृतिक गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके अलावा, एनटीपीसी ने ग्रेटर नोएडा और लेह में हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों का संचालन भी शुरू कर दिया है।

  • इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation Limited): इंडियन ऑयल हरित हाइड्रोजन उत्पादन के विभिन्न तरीकों पर शोध कर रहा है। कंपनी हरित हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने और हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन बनाने की योजना बना रही है।

उदाहरण: एनटीपीसी की हाइड्रोजन बसें (Case Study: NTPC’s Hydrogen Buses):

NTPC का ग्रेटर नोएडा और लेह में हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों का संचालन एक सफलता की कहानी है। ये बसें जीरो उत्सर्जन वाली हैं और प्रदूषण मुक्त परिवहन का एक व्यवहारिक उदाहरण पेश करती हैं। इस परियोजना से प्राप्त आंकड़े भविष्य में हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

भविष्य में भारत और हाइड्रोजन ऊर्जा (India and Hydrogen Energy in the Future)

भारत में हाइड्रोजन ऊर्जा का भविष्य रोमांचक है। आइए, भविष्य की दिशा, उभरते रुझानों, चुनौतियों और अवसरों पर एक नज़र डालते है:

उभरते रुझान (Emerging Trends):

  • हरित हाइड्रोजन पर बढ़ता फोकस (Increased Focus on Green Hydrogen): भारत हरित हाइड्रोजन उत्पादन पर जोर देगा, जो पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ है।
  • हाइड्रोजन मिश्रण (Hydrogen Blending): प्राकृतिक गैस में हरित हाइड्रोजन मिलाने की तकनीक का तेजी से विकास होगा।
  • हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों का व्यापक उपयोग (Widespread Adoption of Hydrogen Fuel Cell Vehicles): सड़कों पर हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले कार, ट्रक और बसें आम हो जाएंगी।
  • हाइड्रोजन आधारित उद्योगों का विकास (Development of Hydrogen-based Industries): कई उद्योग हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे।

चुनौतियां (Challenges):

  • लागत में कमी (Cost Reduction): हरित हाइड्रोजन उत्पादन की लागत को कम करना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
  • बुनियादी ढांचे का विकास (Infrastructure Development): हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण, परिवहन और उपयोग के लिए व्यापक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।
  • कुशलता में सुधार (Improving Efficiency): हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं की दक्षता में सुधार की आवश्यकता है।

अवसर (Opportunities):

  • स्वच्छ ऊर्जा नेता के रूप में उभरना (Emerging as a Clean Energy Leader): भारत के पास हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता के रूप में उभरने का एक अनूठा अवसर है।
  • नौकरी का सृजन (Job Creation): हाइड्रोजन ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से विकास से नौकरी के नए अवसर पैदा होंगे।
  • ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security): हाइड्रोजन ऊर्जा भारत को जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करने और ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने में मदद करेगी।

यह भी पढ़ें: भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग: उड़ान भर रहा बाजार, शीर्ष प्रदाता और भारतीय कंपनियों के सफल उपयोग के मामले

Shares: