संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा जारी Human Development Index (HDI) 2023-24 में भारत 193 देशों की सूची में 134वें स्थान पर है। यह पिछले वर्ष की तुलना में एक स्थान ऊपर है, लेकिन भारत अभी भी मध्यम मानव विकास श्रेणी में है।

Human Development Index: India
Human Development Index: India

Human Development Index (HDI) में भारत का प्रदर्शन:

  • स्थान: 134 (193 देशों में)
  • पिछले वर्ष की तुलना में: एक स्थान ऊपर
  • एचडीआई मूल्य: 0.644
  • असमानता के कारण एचडीआई में हानि: 31.1%
  • महिलाओं और पुरुषों के बीच वर्क फोर्स में अंतर: 47.8%

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Human Development Index में सुधार:

  • जन्म के समय जीवन प्रत्याशा: 67.2 से 67.7 वर्ष
  • स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष: 12 से 12.6 वर्ष
  • प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय: 6,542 डॉलर से 6,951 डॉलर

जीआईआई में भारत का 108वां स्थान: एक चिंता का विषय(India’s 108th rank in GII: A matter of concern)

यूएनडीपी द्वारा जारी लैंगिक असमानता सूचकांक (जीआईआई) 2023-24 में भारत 166 देशों की सूची में 108वें स्थान पर है। यह पिछले वर्ष (2022) की तुलना में दो स्थान नीचे है, जब भारत 166 देशों में से 106वें स्थान पर था। यह गिरावट चिंता का विषय है, क्योंकि यह दर्शाता है कि भारत लैंगिक समानता प्राप्त करने की दिशा में धीमी गति से आगे बढ़ रहा है।

जीआईआई में भारत की स्थिति:

  • स्थान: 108 (166 देशों में)
  • पिछले वर्ष की तुलना में: दो स्थान नीचे
  • जीआईआई मूल्य: 0.508
  • प्रजनन स्वास्थ्य: 133 (166 देशों में)
  • सशक्तिकरण: 159 (166 देशों में)
  • श्रम बाजार: 114 (166 देशों में)

कारण:

  • महिलाओं और पुरुषों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य और आय में बड़ा अंतर
  • राजनीतिक और सामाजिक जीवन में महिलाओं की कम भागीदारी
  • लैंगिक भेदभाव और हिंसा

प्रभाव:

  • आर्थिक विकास में बाधा
  • सामाजिक न्याय और समानता में कमी
  • महिलाओं और लड़कियों की जीवन गुणवत्ता में गिरावट

वर्क फोर्स में महिला-पुरुष अंतर: एक चिंता का विषय(Gender gap in the work force: a matter of concern)

यह सच है कि भारत में वर्क फोर्स में महिला-पुरुष के बीच अंतर बहुत अधिक है। जीआईआई रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रजनन स्वास्थ्य में भारत का प्रदर्शन मध्यम मानव विकास समूह या दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर है, यह एक सकारात्मक पहलू है।

Gender gap in the work force
Gender gap in the work force

हालांकि, 2022 में भारत की किशोर जन्म दर 16.3 थी, जो 15-19 आयु वर्ग की प्रति 1,000 महिलाओं पर जन्म दर को दर्शाती है। यह दर 2021 में 17.1 थी, यानी इसमें मामूली सुधार हुआ है।

लेकिन, चिंता का विषय यह है कि भारत ने श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़े जेंडर अंतर में से एक दिखाया है। महिलाओं और पुरुषों के बीच 47.8% का अंतर है, जो बहुत ही अस्वीकार्य है। वर्तमान में, महिलाओं की वर्क फोर्स में 28.3% और पुरुषों की 76.1% हिस्सेदारी है।

Pakistan और अन्य पड़ोसी देशों का मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में प्रदर्शन(Performance of Pakistan and other neighboring countries in Human Development Index (HDI):)

मध्यम मानव विकास श्रेणी:

  • नेपाल: 146वां स्थान
  • भूटान: 125वां स्थान
  • भारत: 134वां स्थान

निम्न मानव विकास श्रेणी:

  • पाकिस्तान: 164वां स्थान
  • अफगानिस्तान: 182वां स्थान

उच्च मानव विकास श्रेणी:

  • चीन: 75वां स्थान
  • श्रीलंका: 78वां स्थान

एचडीआई में वैश्विक रुझान:

  • 2021-2022 एचडीआर: पहली बार वैश्विक एचडीआई मूल्य में गिरावट देखी गई – लगातार दो वर्षों में।
  • 2023: वैश्विक एचडीआई के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने का अनुमान है।
  • प्रगति असमान है: 2020 से सबसे अमीर और सबसे गरीब देशों के बीच अंतर चौड़ा होना शुरू हो गया है।

निष्कर्ष:

  • भारत ने मानव विकास में प्रगति की है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
  • असमानता, विशेष रूप से महिलाओं और पुरुषों के बीच, एक बड़ी चुनौती है।
  • भारत को एचडीआई में अपनी रैंकिंग में सुधार करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और आय में निवेश करने की आवश्यकता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • Human Development Index: यह मानव विकास को मापने का एक सूचकांक है। यह तीन आयामों पर आधारित है: स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर।
  • जीआईआई: यह लैंगिक असमानता को मापने का एक सूचकांक है। यह तीन आयामों पर आधारित है: प्रजनन स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाजार।
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