राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में छिपा एक रमणीय नगर है मंडावा (Mandawa)। इसे “हवेलियों का खुला संग्रहालय” भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी गलियों में रंग-बिरंगी पेंटिंग्स से सजी ऐतिहासिक हवेलियाँ पर्यटकों को अपनी ओर खींचती हैं।
हवेलियाँ – मंडावा की शान: मंडावा की पहचान इसकी 60 से अधिक हवेलियाँ हैं। प्राकृतिक रंगों से बनी इन अनोखी पेंटिंग्स कहानियों का चित्रण करती हैं, हिन्दू देवी-देवताओं, पौराणिक कथाओं, सामाजिक रीति-रिवाजों और व्यापारिक जीवन को दर्शाती हैं। कुछ प्रमुख हवेलियाँ हैं: गोविंद निवास चौखानी, हनुमानगढ़ की हवेली, मोदीखाना की हवेली, खेतड़ी हवेली आदि।
अन्य ऐतिहासिक स्थल: मंडावा में हवेलियों के अलावा भी आकर्षक स्थल हैं:
- पंचमुखी हनुमान मंदिर: इस अनोखे मंदिर में हनुमान जी की पाँच मुखर प्रतिमा है।
- हनुमानगढ़ किला: 18वीं शताब्दी में बना यह किला शहर के ऊपर ऊँचा स्थित है और सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है।
- शेखावाटी चौपाल: संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध एक खुला स्थान।
पर्यटन गतिविधियाँ: मंडावा में आप हवेलियों के भ्रमण के अलावा ऊँट सफारी, साइकिलिंग, लोक नृत्य प्रदर्शन और राजस्थानी व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।
कैसे पहुंचे: झुंझुनू जिला में स्थित मंडावा तक हवाई जहाज, ट्रेन और बस से पहुँचा जा सकता है। निकटतम हवाई अड्डा जयपुर (180 किमी) और निकटतम रेलवे स्टेशन झुंझुनू (90 किमी) है।
कहां ठहरें: मंडावा में कई बजट के अनुरूप होटल और हेरिटेज हवेलियाँ उपलब्ध हैं।
यात्रा का सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च के महीनों में मौसम सुहावना होने के कारण घूमने का सबसे अच्छा समय है।
मंडावा पर्यटन एक अनोखा अनुभव है। इतिहास, कला और संस्कृति के शौकीनों के लिए यह एक बेहतरीन जगह है। हवेलियों की जीवंत पेंटिंग्स आपको समय के सफर पर ले जाएंगी और राजस्थान की समृद्ध संस्कृति से रूबरू कराएंगी।