प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 19 फरवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। इस दौरे पर उन्होंने संभल जिले में श्री Kalki Dham मंदिर की आधारशिला रखी। यह मंदिर भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि को समर्पित है। इस भव्य समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
मंदिर की आधारशिला रखने के बाद PM Modi ने संबोधित किया
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मंदिर के निर्माण को धर्म और आध्यात्मिकता के केंद्र के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर न केवल लोगों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करेगा बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने इस परियोजना से जुड़े सभी लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि यह मंदिर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देगा।
कल्कि धाम मंदिर की विशेषताएं: Overview Kalki Dham Mandir
यह मंदिर 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला होगा और इसमें भगवान कल्कि की एक विशाल मूर्ति स्थापित की जाएगी। मंदिर परिसर में एक सभागार, संग्रहालय, पुस्तकालय और धर्मशाला सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। इस परियोजना को पूरा होने में लगभग पांच साल का समय लगने का अनुमान है।
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काल्कि धाम मंदिर कैसे पहुंचें:
- काल्कि धाम मंदिर सड़क और रेल मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- दिल्ली और लखनऊ से मंदिर तक नियमित बसें चलती हैं।
- मंदिर के पास रेलवे स्टेशन भी है।
उत्तर प्रदेश (UP) धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा:
इस मंदिर के निर्माण से उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। साथ ही, यह क्षेत्र के सांस्कृतिक महत्व को भी बढ़ाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मंदिर आने वाले समय में कितना लोकप्रिय होता है और क्षेत्र के विकास में कितना योगदान देता है।
कल्कि भगवान: kalki Avatar
कल्कि भगवान हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार माने जाते हैं। ‘कल्कि’ शब्द का अर्थ है “सफेद घोड़ा” और भगवान विष्णु को कल्कि अवतार में एक सफेद घोड़े पर सवार, तलवार से लैस योद्धा के रूप में दर्शाया जाता है।
कल्कि अवतार का उद्देश्य कलयुग के अंत में धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करना है। कलयुग को हिंदू धर्म में चार युगों में से अंतिम माना जाता है, जो पाप और अधर्म से भरा होता है।
Kalki Avatar: FAQs
कल्कि अवतार कौन हैं?
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार को कल्कि अवतार माना जाता है। माना जाता है कि वे कलयुग के अंत में धर्म की रक्षा और अधर्म का नाश करने के लिए प्रकट होंगे।
कल्कि अवतार कब आएंगे?
कल्कि अवतार के आगमन के बारे में सटीक तिथि या समय ज्ञात नहीं है। हिंदू ग्रंथों में भविष्यवाणी की गई है कि वे कलयुग के अंत में आएंगे, जो वर्तमान युग है और माना जाता है कि 432,000 वर्षों तक चलता है। हालांकि, कुछ मान्यताओं के अनुसार, कलयुग की अवधि कम हो सकती है, जो संभावित रूप से कल्कि अवतार के पहले आगमन का रास्ता खोलती है।
कल्कि अवतार कहाँ से आएंगे?
ग्रंथों में इस बात का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि कल्कि अवतार कहाँ से आएंगे। कुछ अनुमान बताते हैं कि वे पूर्वी भारत के शंभला नामक पौराणिक क्षेत्र से प्रकट होंगे, वहीं अन्य उनका जन्म स्थान दक्षिण भारत या किसी गुप्त स्थान पर मानते हैं।
कल्कि अवतार का रूप कैसा होगा?
कल्कि अवतार को एक सफेद घोड़े पर सवार, तलवार से लैस एक योद्धा के रूप में दर्शाया जाता है। उनके पास दिव्य शक्तियां होंगी और वे धर्म को बहाल करने और सत्य को स्थापित करने के लिए कार्य करेंगे।
क्या कल्कि अवतार के आने के कोई संकेत हैं?
हिंदू ग्रंथों में कलयुग के अंत के कुछ संकेत बताए गए हैं, जैसे कि प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि, सामाजिक अशांति, और अधर्म का प्रसार। इन संकेतों को कल्कि अवतार के आने से पहले होने वाली घटनाओं के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन ये सटीक भविष्यवाणियां नहीं हैं।
कल्कि अवतार के आने का महत्व क्या है?
कल्कि अवतार के आने को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण शुद्धिकरण के क्षण के रूप में देखा जाता है। माना जाता है कि वे अधर्म पर विजय प्राप्त करेंगे, धर्म को पुनर्स्थापित करेंगे, और एक नए स्वर्ण युग की शुरुआत करेंगे।
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