Pradhaan mantree poshan shakti nirmaan (पीएम पोषण), जिसे पहले मध्याह्न भोजन योजना के नाम से जाना जाता था, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जो देश के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 1 से 8 वीं कक्षा के छात्रों को पौष्टिक भोजन प्रदान करती है। इसका उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करना, उनकी शिक्षा में सुधार करना और उन्हें स्वस्थ और उत्पादक जीवन जीने के लिए सशक्त बनाना है।

Pradhaan mantree poshan shakti nirmaan yojana kya hai?

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण), जिसे पहले मध्याह्न भोजन योजना के नाम से जाना जाता था, की शुरुआत 15 अगस्त 1984 को हुई थी। यह योजना मिड-डे मील स्कीम (एमडीएमएस) के रूप में शुरू हुई थी और इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करके कुपोषण को कम करना था।

Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman
Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman

योजना शुरू करने के मुख्य कारण थे:

  • कुपोषण: 1980 के दशक में भारत में कुपोषण एक बड़ी समस्या थी। अनुमान है कि उस समय 50% से अधिक बच्चे कुपोषित थे।
  • शिक्षा में सुधार: सरकार का मानना ​​था कि बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने से उनकी शिक्षा में सुधार होगा।
  • गरीबी: सरकार का मानना ​​था कि गरीब परिवारों के बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने से उन्हें स्कूल में रहने में मदद मिलेगी।

योजना के शुरुआती वर्षों में, इसका दायरा सीमित था। यह केवल कुछ राज्यों में लागू था और केवल कुछ वर्गों के बच्चों को ही इसका लाभ मिलता था। हालांकि, धीरे-धीरे योजना का विस्तार किया गया और अब यह पूरे भारत में लागू है और सभी वर्गों के बच्चों को इसका लाभ मिलता है।

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Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman के प्रमुख बिंदु:

  • भोजन: योजना के तहत, बच्चों को प्रतिदिन 450-700 कैलोरी और 12-20 ग्राम प्रोटीन वाला पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। भोजन में चावल, दाल, सब्जियां, रोटी, दूध और फल शामिल हैं।
  • पात्रता: योजना के तहत सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 1 से 8 वीं कक्षा के छात्र पात्र हैं।
  • कार्यान्वयन: योजना का क्रियान्वयन केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman
Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman
  • लाभ: योजना के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
    • कुपोषण में कमी
    • शिक्षा में सुधार
    • बच्चों में ऊर्जा और एकाग्रता में वृद्धि
    • स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा में सुधार
    • सामाजिक समावेश को बढ़ावा देना

Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman योजना की चुनौतियाँ:

योजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें शामिल हैं:

  • भोजन की गुणवत्ता: भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।
  • भ्रष्टाचार: योजना में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है।
  • अवसंरचना: कई स्कूलों में भोजन पकाने और परोसने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं है।
  • जागरूकता: योजना के बारे में जागरूकता की कमी भी एक चुनौती है।

Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman योजना का भविष्य:

सरकार योजना को मजबूत करने और इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई पहल कर रही है। इनमें शामिल हैं:

  • भोजन की गुणवत्ता में सुधार: सरकार भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नए मानदंडों को लागू कर रही है।
  • भ्रष्टाचार को कम करना: सरकार योजना में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है।
  • अवसंरचना का विकास: सरकार स्कूलों में भोजन पकाने और परोसने के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए धन मुहैया करा रही है।
  • जागरूकता बढ़ाना: सरकार योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चला रही है।

Pradhan Mantri Poshan Shakti Nirman: निष्कर्ष

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण एक महत्वपूर्ण पहल है जो देश में कुपोषण को कम करने और बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सरकार योजना को मजबूत करने और इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई पहल कर रही है।

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