भारतीय आध्यात्मिक गुरु और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद का 26 मार्च, 2024 को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज दक्षिण कोलकाता स्थित रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान के अस्पताल शिशु मंगल में चल रहा था।
स्वामी स्मरणानंद का जन्म 1929 में पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में हुआ था। उन्होंने 1951 में रामकृष्ण मिशन में प्रवेश लिया और 1963 में भिक्षु बन गए। उन्होंने मिशन के विभिन्न केंद्रों में सेवा की और 1997 में मिशन के अध्यक्ष बने।
स्वामी स्मरणानंद एक विद्वान, शिक्षाविद् और समाज सुधारक थे। उन्होंने कई पुस्तकें और लेख लिखे और वेदांत दर्शन पर व्याख्यान देते थे। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वामी स्मरणानंद एक महान आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने अपना जीवन दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया।
स्वामी स्मरणानंद के निधन से रामकृष्ण मिशन और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
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स्वामी स्मरणानंद के जीवन और कार्यों का संक्षिप्त विवरण | Brief description of the life and works of Swami Smaranananda
- जन्म: 1929, हुगली, पश्चिम बंगाल
- रामकृष्ण मिशन में प्रवेश: 1951
- भिक्षु बनना: 1963
- रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष: 1997
- प्रमुख कार्य:
- विद्वान, शिक्षाविद् और समाज सुधारक
- कई पुस्तकें और लेख लिखे
- वेदांत दर्शन पर व्याख्यान
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में योगदान
Ramakrishna Mission: स्वामी स्मरणानंद के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में शामिल हैं: Those who mourned the demise of Swami Smarananda included
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- रामकृष्ण मिशन के सदस्य
- समाज के विभिन्न वर्ग के लोग
स्वामी स्मरणानंद: विरासत:
- स्वामी स्मरणानंद एक महान आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने अपना जीवन दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया।
- उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- वे हमेशा अपने सरल जीवन, विनम्रता और करुणा के लिए याद किए जाएंगे।
उनकी आत्मा को शांति मिले।