Who is Sonam Wangchuk? सोनम वांगचुक एक इंजीनियर, शिक्षा सुधारक और नवाचारक हैं। उनका जन्म 1966 में लद्दाख के उलेह में हुआ था। उन्होंने 1987 में श्रीनगर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की।

Sonam Wangchuk
सोनम वांगचुक

वांगचुक ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद लद्दाख लौटने और वहां के लोगों की शिक्षा और जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए काम करने का फैसला किया। उन्होंने 1988 में छात्रों के एक समूह के साथ मिलकर स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की। एसईसीएमओएल ने लद्दाख में कई स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना की है, साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई अन्य परियोजनाओं पर भी काम किया है।

वांगचुक को उनके काम के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें 2014 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और 2018 में पद्मश्री शामिल हैं।

वांगचुक पर्यावरण के मुद्दों के मुखर प्रस्तावक भी हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान चलाए हैं। 2019 में, उन्होंने लद्दाख में ग्लेशियरों के संरक्षण के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन, इको-सिस्टम रिस्टोरेशन एंड वेयरनेस फाउंडेशन (ईआरएडब्ल्यूएफ) की स्थापना की।

वांगचुक लद्दाख के लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने शिक्षा, पर्यावरण और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

सोनम वांगचुक का शिक्षा का नया मॉडल: Sonam Wangchuk’s New Model of Education: SECMOL

सन 1988 में, उन्होंने स्टूडेंट्स’ एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की। SECMOL पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को बदलने का प्रयास करता है, जो वांगचुक के अनुसार लद्दाख जैसे पहाड़ी क्षेत्रों की जरूरतों के अनुकूल नहीं है। SECMOL का मानना है कि शिक्षा को छात्रों के आसपास के वातावरण और संस्कृति से जोड़ा जाना चाहिए।

उदाहरण के लिए, SECMOL के पास एक वैकल्पिक स्कूल परिसर है, जहां प्रवेश का आधार परीक्षा में असफल होना है ना कि अच्छे अंक प्राप्त करना। इस स्कूल में छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार कौशल सिखाया जाता है।

Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh (SECMOL) (स्टूडेंट्स’ एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख).

Sonam Wangchuk School: यह भारतीय शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक द्वारा 1988 में स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) है। इसका मुख्यालय लद्दाख के लेह में स्थित है। SECMOL पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को बदलने का प्रयास करता है, जिसे सोनम वांगचुक लद्दाख जैसे पहाड़ी क्षेत्रों की जरूरतों के अनुरूप नहीं मानते हैं।

SECMOL
SECMOL: Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh
  • छात्र केंद्रित शिक्षा: SECMOL का पाठ्यक्रम छात्रों की रुचि और आसपास के वातावरण को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
  • कौशल विकास पर जोर: पारंपरिक परीक्षाओं के बजाय, SECMOL छात्रों को उनके चुने हुए क्षेत्र में कौशल सिखाने पर ध्यान देता है।
  • वैकल्पिक स्कूल प्रणाली: SECMOL में एक अनूठा स्कूल है, जहां प्रवेश का आधार परीक्षा में असफल होना होता है। इस स्कूल में असफल छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार कौशल सिखाया जाता है।
  • पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता: SECMOL पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देता है।

सोनम वांगचुक: शिक्षा का सुधारक और आविष्कारों का जनक Wangchuk’s Inventions

Sonam Wangchuk Inventions: सोनम वांगचुक सिर्फ एक शिक्षा सुधारक ही नहीं बल्कि एक इनोवेटर भी हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में तो क्रांति ला ही दी है, साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण आविष्कार किए हैं। आइए उनकी कुछ प्रमुख  inventions पर नज़र डालें:

  • सौर ऊर्जा से चलने वाले मिट्टी के भवन (Solar-powered mud buildings): लद्दाख के पहाड़ी वातावरण को ध्यान में रखते हुए, सोनम वांगचुक ने सौर ऊर्जा से चलने वाले मिट्टी के भवनों को डिजाइन करने में मदद की है। ये इमारतें टिकाऊ होने के साथ-साथ पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाती हैं। ठंड के मौसम में ये गर्म रहती हैं और गर्मियों में ठंडी रहती हैं, जो लद्दाख के जलवायु के लिए उपयुक्त है।

    Solar-powered mud buildings
    Solar-powered mud buildings
  • आइस स्टूपा (Ice Stupa): जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने की समस्या से निपटने के लिए, सोनम वांगचुक ने “आइस स्टूपा” की अवधारणा पेश की। ये कृत्रिम ग्लेशियर होते हैं, जिन्हें सर्दियों में नदियों के पानी को मोड़कर बनाया जाता है। शंकु के आकार का यह स्टूपा धीरे-धीरे पिघलता है और गर्मियों में सूखे के दौरान पानी की कमी को दूर करने में मदद करता है।

    Ice Stupa
    Ice Stupa

सोनम वांगचुक के आविष्कार न केवल उनकी दूरदृष्टि को बल्कि उनके जमीनी समस्याओं को सुलझाने के जुनून को भी दर्शाते हैं। उनके ये इनोवेशन शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।

सोनम वांगचुक:असली शिक्षा का हीरो Bollywood’s “Phunsakh Wangdu” and the real hero of education

क्या आप जानते हैं कि ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘3 इडियट्स’ (3 Idiots) का मजेदार और प्रेरणादायक किरदार फुंसख वांगडू असल जिंदगी में भी मौजूद है? जी हां, सोनम वांगचुक से प्रेरणा लेकर ही फिल्म निर्माताओं ने यह किरदार रचा था, और असली फुंसख वांगडू कोई और नहीं बल्कि शिक्षा सुधारक और इनोवेटर सोनम वांगचुक हैं।

Sonam Wangchuk: Bollywood's "Phunsakh Wangdu" and the real hero of education Sonam Wangchuk
Sonam Wangchuk: Bollywood’s “Phunsakh Wangdu” and the real hero of education

फिल्म ‘3 इडियट्स’ में फुंसख वांगडू के किरदार ने भले ही कॉमेडी का तड़का लगाया हो, लेकिन असल जिंदगी के हीरो सोनम वांगचुक ने शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में सार्थक बदलाव लाने का बीड़ा उठाया है।

सोनम वांगचुक हमें यह सीख देते हैं कि जुनून और लगन से कोई भी व्यक्ति न केवल अपने आसपास बदलाव ला सकता है बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर सकता है।

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