हाल ही में एक घटनाक्रम में, राज्य के विधान परिषद (विधान परिषद) के सभापति ने सत्तारूढ़ दल के दो सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया है। इन दोनों सदस्यों, वामसी कृष्णा यादव और सी. रामचंद्र राय, पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी बदल ली है।
YSRCP: MLC के पार्टी बदलने की वजह बनी अयोग्यता:
- वामसी कृष्णा यादव कथित रूप से YSRCP (वाईएसआर कांग्रेस पार्टी) छोड़कर जना सेना में शामिल हो गए।
- सी. रामचंद्र राय ने भी YSRCP से नाता तोड़कर तेलुगु देशम पार्टी (TDP) का दामन थाम लिया।
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विधान परिषद सभापति का फैसला:
- विधान परिषद सभापति का कहना है कि ये दोनों सदस्यों (विधान परिषद सदस्य) दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य हो गए हैं।
- इस कानून के अनुसार, यदि कोई निर्वाचित सदस्य अपनी पार्टी छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाता है, तो उसे विधानसभा या विधान परिषद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
सत्तारूढ़ दल में खलबली:
- सभापति के इस फैसले से सत्तारूढ़ दल में खलबली मच गई है।
- पार्टी को यह उम्मीद नहीं थी कि उनके ही दो सदस्य दल बदल लेंगे।
- पार्टी अब यह फैसला कर रही है कि वह इस मामले को किस तरह से आगे ले जाएगी।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया:
- विपक्षी दल इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
- उनका कहना है कि यह फैसला दल-बदल की राजनीति पर लगाम लगाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
क्या है आगे का रास्ता?
- अयोग्य घोषित किए गए सदस्य इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।
- यह देखना अभी बाकी है कि हाईकोर्ट किस तरह का फैसला सुनाता है।
निष्कर्ष:
विधान परिषद सभापति के इस फैसले ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। यह फैसला दल-बदल की राजनीति को लेकर बहस को फिर से हवा दे सकता है।