उगादी पर्व (Ugadi Festival): जिसे “यूगादि” (Yugadi) और “गुड़ी पड़वा” (Gudi Padwa) के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह हिंदू नव वर्ष का प्रतीक है और चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। Ugadi Date 2024: 2024 में उगादी 9 अप्रैल को मनाया जायेगा।
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उगादी पर्व का इतिहास: History of Ugadi Festival
उगादी (Ugadi) का इतिहास बहुत पुराना है और यह शतवाहन वंश (Shatavahana dynasty) से जुड़ा हुआ है। यह वंश 230 ईसा पूर्व से 220 ईस्वी तक वर्तमान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों पर शासन करता था। इस वंश के शासनकाल में उगादी का त्योहार मनाया जाता था और इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों और शिलालेखों में भी मिलता है।
उगादी पर्व क्यों मनाया जाता है: पौराणिक कथाएं और मान्यताएं
दक्षिण भारत का प्रमुख पर्व उगादी, न केवल नए साल का प्रतीक है, बल्कि इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं भी प्रचलित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कथाएं और मान्यताएं इस प्रकार हैं:
ब्रह्मपुराण की कथा:
- ब्रह्मपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया था कि उनकी पूजा धरती पर नहीं होगी।
- किंतु, आंध्र प्रदेश में उगादी के शुभ पर्व पर चतुरानन (ब्रह्मा जी) की पूजा की जाती है।
- कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने दुनिया की रचना की थी।
मत्स्य अवतार:
- एक अन्य मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था।
- यह अवतार भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए लिया गया था।
राज्याभिषेक:
- कुछ मान्यताएं यह भी कहती हैं कि इसी दिन भगवान राम और राजा युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था।
- सम्राट विक्रमादित्य ने भी शकों पर विजय इसी दिन प्राप्त की थी।
उगादी के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
- उगादी शब्द संस्कृत के दो शब्दों “युग” और “आदि” से मिलकर बना है। “युग” का अर्थ है “युग” और “आदि” का अर्थ है “शुरुआत”।
- उगादी का त्योहार लगभग 2000 वर्षों से मनाया जा रहा है।
- उगादी के दिन लोग अपने घरों में विशेष व्यंजन बनाते हैं, जैसे कि उगादी पचादी, पोंगल, और बोंडा।
- उगादी के दिन लोग मेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं।
उगादी पर्व का महत्व: Significance of Ugadi Festival
उगादी त्योहार (Ugadi Festival) केवल एक सामाजिक उत्सव नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। इस त्योहार को मनाने से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और अपने आस-पास का वातावरण सुंदर बनाते हैं।
- नए साल की शुरुआत: उगादी दक्षिण भारत में नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को नए साल के लिए नए संकल्प लेने और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।
- आत्म-चिंतन और आत्म-सुधार: उगादी आत्म-चिंतन और आत्म-सुधार का भी समय है। लोग इस दिन अपने जीवन में किए गए कार्यों का मूल्यांकन करते हैं और आने वाले वर्ष में बेहतर करने के लिए योजना बनाते हैं।
- नई शुरुआत: उगादी नई शुरुआत का त्योहार है। लोग इस दिन अपने जीवन में नई शुरुआत करने के लिए प्रेरित होते हैं, चाहे वह नया काम शुरू करना हो, नया कौशल सीखना हो, या अपने जीवन में कोई अन्य बदलाव लाना हो।
उगादी पर्व का उत्सव: Celebration of Ugadi Festival
Ugadi Celebration: उगादी का उत्सव विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। कर्नाटक में इसे उगादि, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगादि के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक क्षेत्र इस त्यौहार को अपने अनूठे रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाता है।
उगादी के कुछ महत्वपूर्ण रीति-रिवाज:
- पंचांग पूजन: लोग नए साल के लिए पंचांग खरीदते हैं और उसकी पूजा करते हैं।
- उगादी पचादी: उगादी पचादी एक विशेष प्रकार का व्यंजन है जो मीठा, खट्टा, कड़वा और तीखा होता है। यह जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक है।
- नए कपड़े पहनना: लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
- घरों की सजावट: लोग अपने घरों को फूलों और रंगोली से सजाते हैं।
- दान-पुण्य: लोग गरीबों और जरूरतमंदों को दान करते हैं।
उगादी पर्व किस राज्य में मनाया जाता है? उगादी पर्व मुख्य रूप से दक्षिण भारत के चार राज्यों में मनाया जाता है:
- आंध्र प्रदेश: उगादी यहां सबसे बड़ा त्योहार है और इसे ‘यूगादि’ के नाम से जाना जाता है। लोग इस दिन अपने घरों को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, और पंचांग पूजन करते हैं।
- तेलंगाना: उगादी तेलंगाना में भी एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे ‘यूगादि’ के नाम से जाना जाता है और इसे आंध्र प्रदेश के समान तरीके से मनाया जाता है।
- कर्नाटक: उगादी कर्नाटक में ‘बेगिनिंग ऑफ ए न्यू ईयर’ (Beginning of a new year) के रूप में मनाया जाता है। लोग इस दिन ‘उगादी पचादी’ नामक एक विशेष व्यंजन बनाते हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक है।
- महाराष्ट्र: उगादी महाराष्ट्र में ‘गुड़ी पड़वा’ के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार यहां बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। लोग इस दिन ‘गुड़ी’ नामक एक ध्वज (Gudi Flag) फहराते हैं, जो विजय और समृद्धि का प्रतीक है।
इसके अलावा, उगादी पर्व भारत के कुछ अन्य राज्यों जैसे कि केरल, तमिलनाडु और गोवा में भी मनाया जाता है, लेकिन यह इन राज्यों में उतना प्रचलित नहीं है जितना कि दक्षिण भारत के चार राज्यों में है।
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