राजस्थान सरकार ने राज्य के विभिन्न जिला अस्पतालों में बुजुर्गों के इलाज के लिए विशेष जेरियाट्रिक इकाइयां स्थापित करने की पहल की है। यह पहल राज्य के बुजुर्गों को बेहतर और समर्पित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए की गई है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि यह पहल राज्य के बुजुर्गों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार बुजुर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि इन जेरियाट्रिक इकाइयों में बुजुर्गों को विशेषज्ञों द्वारा उचित स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों में बुजुर्गों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
जेरियाट्रिक्स का क्षेत्र क्या है? What is the field of geriatrics
जेरियाट्रिक्स चिकित्सा का एक विशेष क्षेत्र है जो बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करता है। यह उम्र बढ़ने के साथ होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के निदान, उपचार और रोकथाम पर केंद्रित है। बुजुर्गों की जटिल चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए इसमें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: इसमें हृदय रोग, मधुमेह, गठिया, कैंसर और अन्य उम्र से संबंधित बीमारियों का निदान और उपचार शामिल है।
- मानसिक स्वास्थ्य: इसमें अवसाद, चिंता, मनोभ्रंश और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का निदान और उपचार शामिल है।
- सामाजिक स्वास्थ्य: इसमें बुजुर्गों को सामाजिक रूप से सक्रिय और जुड़े रहने में मदद करना शामिल है।
- कार्यात्मक स्वास्थ्य: इसमें बुजुर्गों को अपनी गतिविधियों को करने की क्षमता बनाए रखने में मदद करना शामिल है।
जेरियाट्रिक्स के क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टरों और नर्सों को बुजुर्गों की विशेष जरूरतों के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। वे बुजुर्गों को उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी देते हैं और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने के लिए सलाह देते हैं।
जेरियाट्रिक्स का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। बुजुर्गों की आबादी बढ़ने के साथ, इस क्षेत्र की आवश्यकता भी बढ़ रही है। जेरियाट्रिक्स में विशेषज्ञता वाले डॉक्टरों और नर्सों की मांग बढ़ रही है।
यहां कुछ संस्थान हैं जो भारत में जेरियाट्रिक्स में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं:
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली
- राष्ट्रीय वृद्ध विज्ञान संस्थान (NIAS), हैदराबाद
- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC), वेल्लोर
- सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु
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जेरियाट्रिक्स इकाइयों की आवश्यकता क्यों है Why are geriatrics units needed
राजस्थान सहित पूरे देश में बुजुर्गों की आबादी लगातार बढ़ रही है। उनके लिए उचित स्वास्थ्य देखभाल के लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। नियमित चिकित्सक सामान्य बीमारियों का इलाज करने में सक्षम हो सकते हैं, लेकिन बुजुर्गों को अक्सर कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, जिनके लिए समर्पित जेरियाट्रिक देखभाल की आवश्यकता होती है।
इन जेरियाट्रिक इकाइयों के क्या लाभ होंगे?
- विशेषज्ञ देखभाल: इन इकाइयों में बुजुर्गों का इलाज करने के लिए प्रशिक्षित जेरियाट्रिक विशेषज्ञ मौजूद होंगे।
- समग्र देखभाल: ये इकाइयां न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देंगी।
- कई बीमारियों का इलाज: ये इकाइयां बुजुर्गों में आम तौर पर पाई जाने वाली बीमारियों जैसे हृदय रोग, मधुमेह, गठिया और मनोभ्रंश का इलाज करने के लिए विशेष रूप से सुसज्जित होंगी।
- पुनर्वास पर ध्यान: वसूली और स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद के लिए पुनर्वास सेवाएं भी प्रदान की जा सकती हैं।
यह पहल राजस्थान सरकार द्वारा बुजुर्गों के कल्याण के लिए उठाया गया एक सकारात्मक कदम है।