राजस्थान में जल जीवन मिशन (JJM) के बाद एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाली सरकारी कंपनी राजCOMP इन्फो सर्विसेज लिमिटेड में कई सालों से कार्यरत अफसरों ने फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए करोड़ों रुपये के भुगतान कर दिए हैं।
RAJCOMP:
एक राजस्थान की आईटी कंपनी है। राजCOMP को लेकर पिछले साल से भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ये आरोप सरकार के लिए चुनौती बनकर खड़े हुए हैं और आम जनता में भी नाराजगी पैदा कर चुके हैं। आइए इस विवाद को विस्तार से समझते हैं:
- फर्जी सर्टिफिकेट: उदयपुर और टोंक जिलों में E-PDS में पॉइंट ऑफ सेल मशीनों की खरीद एवं रखरखाव के लिए फर्जी सर्टिफिकेट जमा करवाए गए।
- करोड़ों का भुगतान: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संबंधित फर्मों को करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया।
- एसीबी जांच दबा दी गई: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तत्कालीन RISL चेयरमैन अखिल अरोड़ा के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी, लेकिन यह जांच दबा दी गई।
- एडिशनल चार्ज पर सालों से जमे अफसर: कुछ अफसरों को सालों से एडिशनल चार्ज पर जमा दिया गया है और उन्हें लगातार प्रमोशन भी दिया जाता रहा है।
- अन्य विभागों के टेंडर भी लिए: राजCOMP ने वित्त विभाग, आईएफएमएस 3.0 प्रोजेक्ट, एलईडी आउटडोर वीडियो वॉल, राजनेट, ई-मित्र प्लस मशीन, मैन पावर हायरिंग, ई-मित्र एटीएम, भामाशाह डिजिटल पेमेंट किट जैसे कई प्रोजेक्ट्स में भी गड़बड़ियां की हैं।
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घोटाले का खुलासा: Disclosure of RAJCOMP Scam
यह घोटाला RTI के माध्यम से प्राप्त दस्तावेजों से सामने आया है। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि राजCOMP के अफसरों ने फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया है।
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घोटाले मे निम्न कंपनी की भूमिका संदेहास्पद है, निम्न कंपनी ने फर्जी सर्टिफिकेट जमा करके करोड़ों रुपए का भुगतान उठाया है।
- Linkwell Telesystems Pvt Limited, हैदराबाद
- Analogics Tech India Limited, हैदराबाद