भारतीय सेमीकंडक्टर कंपनी आईएसएमसी एनालॉग फैब (ISMC Analog Fab) ने सरकार से एक ताजा अपील की है। आईएसएमसी (ISMC) ने भारत सरकार को टॉवर सेमीकंडक्टर (Tower Semiconductor) के नए चिप फैब निर्माण आवेदन को मंजूरी नहीं देने का आग्रह किया है। 8 मार्च को, आईएसएमसी की कानूनी टीम ने भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) से संपर्क किया।
आईएसएमसी का दावा है कि उनकी कंपनी ने कर्नाटक में जमीन प्राप्त करने के लिए भी आवेदन किया था और परियोजना में महत्वपूर्ण समय, पैसा और संसाधन लगाए थे। उनका आरोप है कि टॉवर सेमीकंडक्टर ने उनके साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया है और अब अकेले फैब स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। आईएसएमसी के वकीलों ने यह भी संकेत दिया है कि वे टॉवर सेमीकंडक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं।
यह देखना बाकी है कि सरकार इस मामले में क्या फैसला लेती है। भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू चिप निर्माण को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में सरकार आईएसएमसी और टॉवर सेमीकंडक्टर के बीच इस विवाद को कैसे सुलझाती है, इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।
आईएसएमसी एनालॉग फैब और टॉवर सेमीकंडक्टर के बीच सेमीकंडक्टर समझौते ISMC Semiconductor Agreement between Analog Fab and Tower Semiconductor
- दिसंबर 2020 में, आईएसएमसी एनालॉग फैब और टॉवर सेमीकंडक्टर ने भारत में 300-मिलीमीटर विनिर्माण एनालॉग/मिक्स फैब प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- इस समझौते के तहत, दोनों कंपनियां मिलकर फैब का निर्माण करेंगी।
- फैब कर्नाटक में स्थापित किया जाएगा।
- इस परियोजना की अनुमानित लागत 75,000 करोड़ रुपये है।
समझौते के उद्देश्य:
- भारत में घरेलू चिप निर्माण को बढ़ावा देना।
- भारत को सेमीकंडक्टर के लिए आत्मनिर्भर बनाना।
- रोजगार के अवसर पैदा करना।
समझौते के लाभ:
- यह समझौता भारत को सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने में मदद करेगा।
- यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देगा।
- यह भारत में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा।
समझौते के बारे में चिंताएं:
- इस समझौते को लेकर कुछ चिंताएं भी हैं।
- कुछ लोगों का मानना है कि यह समझौता भारत के लिए फायदेमंद नहीं होगा क्योंकि यह टॉवर सेमीकंडक्टर को भारतीय बाजार पर एकाधिकार देगा।
- कुछ लोगों का मानना है कि यह समझौता पर्यावरण के लिए हानिकारक होगा।
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आईएसएमसी एनालॉग फैब और टॉवर सेमीकंडक्टर के बीच विवाद: Dispute between ISMC Analog Fab and Tower Semiconductor:
- दिसंबर 2020 में, आईएसएमसी एनालॉग फैब और टॉवर सेमीकंडक्टर ने भारत में एक 300-मिलीमीटर विनिर्माण एनालॉग/मिक्स फैब प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- समझौते के तहत, आईएसएमसी और टॉवर सेमीकंडक्टर संयुक्त रूप से फैब का निर्माण करेंगे।
- आईएसएमसी ने कर्नाटक में जमीन के लिए आवेदन किया और परियोजना में महत्वपूर्ण समय, पैसा और संसाधन लगाए।
- मार्च 2023 में, टॉवर सेमीकंडक्टर ने आईएसएमसी को बिना बताए भारत सरकार से अकेले फैब स्थापित करने के लिए आवेदन किया।
आईएसएमसी का आरोप:
- आईएसएमसी का आरोप है कि टॉवर सेमीकंडक्टर ने उनके साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया है।
- आईएसएमसी ने सरकार से टॉवर सेमीकंडक्टर के नए आवेदन को खारिज करने का आग्रह किया है।
सरकार की भूमिका:
- भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू चिप निर्माण को बढ़ावा दे रही है।
- सरकार इस विवाद को कैसे सुलझाएगी और भविष्य में फैब स्थापित करने का अधिकार किस कंपनी को मिलेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
विवाद के संभावित परिणाम:
- इस विवाद का भारत की सेमीकंडक्टर निर्माण योजना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- यह विदेशी निवेशकों के लिए भी चिंता का विषय बन सकता है।
आईएसएमसी एनालॉग फैब ISMC Analog Fab
आईएसएमसी एनालॉग फैब एक मुंबई स्थित कंपनी है जो भारत में एक अत्याधुनिक चिप निर्माण संयंत्र (फैब) स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
सरकारी सहायता प्राप्त करने की कोशिश:
- दिसंबर 2020 में, आईएसएमसी ने इजरायली कंपनी टॉवर सेमीकंडक्टर के साथ मिलकर भारत सरकार की महत्वाकांक्षी सेमीकंडक्टर निर्माण योजना के तहत सब्सिडी हासिल करने के लिए आवेदन किया था।
- इस योजना का लक्ष्य भारत में घरेलू चिप निर्माण को बढ़ावा देना है।