जबलपुर (Jabalpur): मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve) से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। रविवार को वन विभाग की टीम ने कन्हा टाइगर रिजर्व में करीब 10 साल के एक वयस्क नर बाघ को करंट लगाकर मारने के मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

Kanha tiger reserve, jabalpur
कान्हा टाइगर रिजर्व

शव बरामदगी और प्राथमिक जांच (Tiger Carcass Found in Jabalpur: Kanha Tiger Reserve and Initial Investigation)

घटना शुक्रवार की है, जब कन्हा राष्ट्रीय उद्यान के मुक्की गेट से लगभग 10 किलोमीटर दूर करेली गांव के पास ग्रामीणों को जंगल से दुर्गंध आने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचने पर ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। वन विभाग का दल घटनास्थल पर पहुंचा और जांच शुरू की। जांच के दौरान दल को जंगल में करीब 10 साल के एक वयस्क नर बाघ का शव मिला।

शव पर मिले करंट के निशान और गिरफ्तारी (Electrocution Marks and First Arrest of accused of Electrocuting Tiger)

प्रारंभिक जांच में वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के शव पर करंट के तार के निशान मिले। साथ ही घटनास्थल के आसपास बिजली के तार भी बरामद हुए। इससे यह संदेह जगा कि बाघ की मौत करंट लगाने से हुई है। वन विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शनिवार को एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने यह स्वीकार कर लिया कि उसने जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए दो अन्य लोगों के साथ मिलकर इलाके में बिजली का तार बिछाया था।

Electrocuting Tiger found in kanha tiger reserve, jabalpur

बाघ का शव जिसे शिकारियों ने करंट लगा के मार डाला

अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और कार्रवाई (Arrest of Other Accused and Actions Taken)

पहले आरोपी की गिरफ्तारी के बाद वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बाकी दो संदिग्धों की पहचान कर ली। रविवार को लगातार की गई छापेमारी के बाद इन दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

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वन विभाग की सख्त कार्रवाई और जांच (Forest Department’s Strict Action and Investigation)

कन्हा टाइगर रिजर्व के संरक्षित बाघ का शिकार कर राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इस जघन्य अपराध में वन विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस स्थान से बाघ का शव बरामद हुआ है, वहां कोई खेत नहीं है। इससे स्पष्ट है कि आरोपियों का मकसद सिर्फ जंगली जानवरों को शिकार बनाना था। वन विभाग द्वारा गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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