भारत सरकार 2025 तक न्यूनतम मजदूरी (minimum wage) व्यवस्था को जीविका मजदूरी (living wage) से बदलने की योजना बना रही है। यह कदम मजदूरों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और गरीबी कम करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। आइए जानते हैं न्यूनतम मजदूरी और जीविका मजदूरी में क्या अंतर है:

minimum wage and living wage
                                               minimum wage and living wage

न्यूनतम मजदूरी:

  • परिभाषा: न्यूनतम मजदूरी वह न्यूनतम राशि है जो किसी कर्मचारी को एक निश्चित समय के लिए किए गए काम के लिए कानून द्वारा भुगतान करने की गारंटी है।
  • आधार: न्यूनतम मजदूरी विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर तय की जाती है, जैसे कि कौशल स्तर, कार्य का प्रकार, क्षेत्र और उद्योग।
  • सीमाएं: न्यूनतम मजदूरी केवल निर्वाह के बुनियादी स्तर को ही सुनिश्चित करती है, यह एक परिवार के रहने-सहने के खर्च को पूरी तरह से कवर नहीं कर पाती।

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जीविका मजदूरी:

  • परिभाषा: जीविका मजदूरी वह राशि है जो एक कर्मचारी को न केवल जीवित रहने के लिए, बल्कि सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए पर्याप्त मजदूरी प्रदान करती है।
  • आधार: जीविका मजदूरी तय करते समय कर्मचारी के परिवार के आकार, शिक्षा, चिकित्सा देखभाल, परिवहन और सामाजिक सुरक्षा जैसी जरूरतों को ध्यान में रखा जाता है।
  • लाभ: जीविका मजदूरी से गरीबी कम करने, जीवन स्तर में सुधार लाने और श्रमिकों के लिए बेहतर आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलती है।

न्यूनतम मजदूरी को जीविका मजदूरी से बदलने के पीछे सरकार का लक्ष्य: The government’s objective behind replacing minimum wage with living wage

न्यूनतम मजदूरी को जीविका मजदूरी से बदलने के पीछे सरकार का मुख्य लक्ष्य गरीबी कम करना और श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। इसके अलावा, सरकार के अन्य लक्ष्यों में शामिल हैं:

The government's objective behind replacing minimum wage with living wage
 The government’s objective behind replacing minimum wage with living wage
  • श्रम बाजार में समानता को बढ़ावा देना: जीविका मजदूरी लागू करने से सभी श्रमिकों को एक समान न्यूनतम मजदूरी मिलेगी, चाहे वे किसी भी क्षेत्र या उद्योग में काम करते हों।
  • आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: जीविका मजदूरी से श्रमिकों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, जिससे खपत बढ़ेगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
  • सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना: जीविका मजदूरी से श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
  • श्रम उत्पादकता में वृद्धि करना: जब श्रमिकों को जीविका मजदूरी मिलती है, तो वे अधिक प्रेरित और उत्पादक होते हैं।

सरकार जीविका मजदूरी लागू करने के लिए निम्नलिखित कदम उठा रही है:

  • एक राष्ट्रीय जीविका मजदूरी नीति का विकास: यह नीति विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए जीविका मजदूरी तय करने के लिए एक ढांचा प्रदान करेगी।
  • न्यूनतम मजदूरी कानूनों में संशोधन: सरकार न्यूनतम मजदूरी कानूनों में संशोधन कर रही है ताकि उन्हें जीविका मजदूरी के अनुरूप बनाया जा सके।
  • जागरूकता अभियान: सरकार जीविका मजदूरी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चला रही है।

न्यूनतम मजदूरी को जीविका मजदूरी से बदलने में आने वाली चुनौतियां: Challenges in replacing minimum wage with living wage

न्यूनतम मजदूरी को जीविका मजदूरी से बदलने की योजना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन इसे सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना होगा।

प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं:

  • कार्यान्वयन की जटिलता: जीविका मजदूरी तय करने और लागू करने के लिए विभिन्न कारकों पर विचार करने की आवश्यकता होगी, जिससे यह प्रक्रिया जटिल हो सकती है।
  • लागत में वृद्धि: कुछ उद्योगों के लिए जीविका मजदूरी लागू करने से लागत में वृद्धि हो सकती है, जिससे उनके लिए प्रतिस्पर्धी बने रहना मुश्किल हो सकता है।
  • रोजगार पर प्रभाव: जीविका मजदूरी लागू करने से कुछ क्षेत्रों में रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर यदि लागत में वृद्धि का बोझ पूरी तरह से उद्योगों पर डाला जाता है।
  • राजनीतिक प्रतिरोध: कुछ राजनीतिक दल और उद्योग समूह जीविका मजदूरी का विरोध कर सकते हैं, क्योंकि इससे उनके हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इन चुनौतियों का सामना करने के लिए सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:

  • विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श: सरकार को जीविका मजदूरी लागू करने से पहले सभी हितधारकों, जैसे कि श्रमिकों, उद्योगों, और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करना होगा।
  • वित्तीय सहायता: सरकार को उन उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान करनी होगी, जिनके लिए जीविका मजदूरी लागू करने से लागत में वृद्धि होगी।
  • कौशल विकास: सरकार को श्रमिकों के कौशल को विकसित करने में मदद करनी होगी ताकि वे अधिक उत्पादक बन सकें और जीविका मजदूरी प्राप्त करने के लिए आवश्यक योग्यताएं प्राप्त कर सकें।
  • जागरूकता अभियान: सरकार को जीविका मजदूरी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना होगा।

कुल मिलाकर:

न्यूनतम मजदूरी से जीविका मजदूरी की ओर बढ़ना भारत सरकार का एक सकारात्मक कदम है। यह श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। हालांकि, इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सावधानीपूर्वक नियोजन और सभी हितधारकों के बीच सहयोग की आवश्यकता होगी।

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