PM vishwakarma yojana भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश भर के पारंपरिक कारीगरों और लघु उद्यमियों को सशक्त बनाना है। यह योजना कौशल विकास, प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता और बाजार संपर्क तक पहुंच प्रदान करके इन समुदायों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास करती है।

योजना के लाभ:

  • कौशल विकास और प्रशिक्षण: योजना कारीगरों और लघु उद्यमियों को नवीनतम तकनीकों और व्यावसायिक कौशल से परिचित कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करती है।
  • आर्थिक सहायता: योजना कारीगरों और लघु उद्यमियों को ऋण और अनुदान तक पहुंच प्रदान करती है ताकि वे अपने व्यवसायों को शुरू कर सकें और उनका विस्तार कर सकें।
  • बाजार संपर्क: योजना कारीगरों और लघु उद्यमियों को अपने उत्पादों और सेवाओं को बाजार में लाने में मदद करती है।

    PM vishwakarma yojana
    PM vishwakarma yojana

PM vishwakarma yojana के तहत लाभार्थियों को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

  • प्रशिक्षण:
    • 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण
    • 15 दिनों या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण
    • प्रति दिन ₹500 का वजीफा
  • टूलकिट प्रोत्साहन:
    • ₹15,000 तक का ई-वाउचर
  • ऋण सहायता:
    • ₹3 लाख तक का संपार्श्विक-मुक्त “उद्यम विकास ऋण”
  • डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन:
    • प्रति माह अधिकतम 100 लेनदेन के लिए ₹1 प्रति लेनदेन
  • बाजार सहायता:
    • गुणवत्ता प्रमाणन
    • ब्रांडिंग और प्रचार
    • ई-कॉमर्स लिंकेज
    • व्यापार मेले
    • विज्ञापन और प्रचार

पात्रता:

  • भारत का नागरिक होना
  • 18-45 वर्ष की आयु सीमा
  • कम से कम 8वीं कक्षा उत्तीर्ण
  • पारंपरिक कारीगरों/लघु उद्यमियों की श्रेणी में आना

    PM vishwakarma yojana 
    PM vishwakarma yojana

आवेदन कैसे करें:

  • योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
  • ऑनलाइन आवेदन https://pmvishwakarma.gov.in/ वेबसाइट के माध्यम से किया जा सकता है।
  • ऑफलाइन आवेदन योजना के नोडल कार्यालयों में जमा किए जा सकते हैं।

PM vishwakarma yojana का महत्व:

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह योजना कारीगरों और लघु उद्यमियों को सशक्त बनाकर, उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करके और उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद करेगी।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारत के पारंपरिक कारीगरों और लघु उद्यमियों को सशक्त बनाने में मदद करेगी। यह योजना इन समुदायों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और उन्हें देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

यह योजना अभी भी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन इसमें भारत के कारीगरों और लघु उद्यमियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता है।

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PM vishwakarma yojana के बारे में कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):

Q.1. PM Vishwakarma Yojana kya hai?

Ans. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत, सरकार इन कारीगरों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान करेगी ताकि वे अपनी आजीविका को बेहतर बना सकें।

Q.2. इस योजना के लिए कौन पात्र है?

Ans. इस योजना के लिए निम्नलिखित कारीगर और हस्तशिल्पी पात्र हैं:

  • वे सभी कारीगर जो पारंपरिक शिल्पों में काम करते हैं, जैसे कि लकड़ी का काम, धातु का काम, मिट्टी के बर्तन, बुनाई, आदि।
  • वे सभी हस्तशिल्पी जो पारंपरिक हस्तशिल्प बनाते हैं, जैसे कि जूते, कपड़े, गहने, आदि।
  • इन कारीगरों और हस्तशिल्पियों की वार्षिक आय ₹2 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

Q.3. इस योजना के तहत क्या लाभ मिलते हैं?

Ans. इस योजना के तहत, सरकार निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगी:

  • आर्थिक सहायता: सरकार कारीगरों और हस्तशिल्पियों को ₹10,000 से ₹10 लाख तक की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
  • प्रशिक्षण: सरकार कारीगरों और हस्तशिल्पियों को उनके कौशल को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
  • अन्य सुविधाएं: सरकार कारीगरों और हस्तशिल्पियों को बाजार तक पहुंच, क्रेडिट सुविधा, और अन्य सुविधाएं भी प्रदान करेगी।

Q.4. इस योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

Ans. इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को अपनी जिला प्रशासन से संपर्क करना होगा। वे योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।

Q.5. इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए कहां संपर्क करें?

Ans. इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कारीगर और हस्तशिल्पी निम्नलिखित से संपर्क कर सकते हैं:

  • अपनी जिला प्रशासन
  • योजना की आधिकारिक वेबसाइट
  • योजना के हेल्पलाइन नंबर

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

  • योजना की शुरुआत: 17 फरवरी, 2024
  • योजना की लागत: ₹10,000 करोड़
  • योजना का लाभार्थी: 10 लाख कारीगर और हस्तशिल्पी

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