भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को सुप्रीम कोर्ट से उस वक्त करारा झटका लगा, जब उसने 2019 से राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से मिले चंदे का विवरण सार्वजनिक करने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

SBI electoral bond case decision by supreme court
चुनावी बॉन्ड के माध्यम से मिले चंदे का विवरण सार्वजनिक करने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग वाली याचिका खारिज

मामले की पृष्ठभूमि (Background of the SBI electoral bond Case)

  • सुप्रीम कोर्ट ने 2019 से राजनीतिक दलों को मिले चुनावी बॉन्ड के वित्तीय लेनदेन का विवरण सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।
  • इस आदेश के अनुपालन में एसबीआई को कोर्ट में यह जानकारी दाखिल करनी थी।

एसबीआई की मांग और कोर्ट का इनकार (SBI’s Request and Court’s Denial)

  • एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इस जानकारी को सार्वजनिक करने के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग की। बैंक का कहना था कि उसे विवरण जुटाने में अधिक समय की आवश्यकता है।
  • लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की इस याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने 30 जून तक का समय देने से इनकार करते हुए आदेश दिया कि कल कार्य दिवस की समाप्ति से पहले जानकारी सौंप दी जाए।

कोर्ट की सख्त चेतावनी (Strict Warning to SBI from the Court)

  • यदि बैंक निर्धारित समय के अंदर निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो संविधान पीठ ने कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही की चेतावनी दी है।

निर्वाचन आयोग को भी निर्देश (Instructions to Election Commission on SBI electoral Bond Case)

  • कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को भी यह निर्देश दिया है कि कोर्ट में जमा की गई जानकारी को 15 मार्च शाम 5 बजे से पहले वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए।
  • गौरतलब है कि चुनाव आयोग भी इस मामले से जुड़ी कुछ गोपनीय जानकारी रखता है। सुप्रीम कोर्ट यह भी स्पष्ट कर चुका है कि निर्वाचन आयोग द्वारा गोपनीय रूप से रखी गई जानकारी को भी जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा।

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अब तक जारी किए गए चुनावी बॉन्ड की संख्या (Number of Electoral Bonds Issued So Far)

  • एसबीआई ने बताया कि 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक कुल 22,217 चुनावी बॉन्ड जारी किए गए।

यह फैसला पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। चुनावी बॉन्ड अनाम दान की सुविधा देते हैं, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि राजनीतिक दलों को कौन फंडिंग कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश चुनाव में धन के स्रोत को उजागर करने में मददगार साबित होगा।

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