श्रीलंका की नौसेना ने उत्तरी श्रीलंका के करीनगर में श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध मछली पकड़ने के आरोप में 22 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लिया है और उनकी तीन ट्रॉलर जब्त कर ली हैं। नौसेना ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि शनिवार रात और रविवार सुबह चलाए गए अभियान के दौरान नौकाओं को जब्त कर लिया गया और मछुआरों को पकड़ लिया गया।

जप्त ट्रॉलरों और भारतीय मछुआरों को काँकेसंथुराई बंदरगाह लाया गया और कानूनी कार्रवाई के लिए स्थानीय प्राधिकरण को सौंप दिया गया। नौसेना ने बताया कि 2024 में अब तक वह श्री Lankan जलक्षेत्र में 15 भारतीय ट्रॉलर जब्त कर चुकी है और 110 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर चुकी है।

Sri Lankan Navy detained 22 Indian fishermen, seized three Indian trawlers
Sri Lankan Navy detained 22 Indian fishermen, seized three Indian trawlers

नौसेना ने कहा कि वे विदेशी ट्रॉलरों द्वारा अवैध मछली पकड़ने की प्रथाओं को रोकने के लिए श्रीलंका के जल क्षेत्र में नियमित गश्त करती हैं, साथ ही स्थानीय मछुआरों की आजीविका और दक्षिण एशियाई देश के समुद्री संसाधनों पर इन प्रथाओं के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए भी ऐसा करती हैं।

श्रीलंका द्वारा 22 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लेने पर भारत की प्रतिक्रिया  India’s reaction to Sri Lanka detention of 22 Indian fishermen

श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 22 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लेने और तीन भारतीय ट्रॉलरों को जब्त करने की घटना पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

भारतीय विदेश मंत्रालय:

  • विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका के उच्चायुक्त को तलब किया और इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई।
  • मंत्रालय ने कहा कि मछुआरे भारतीय जलक्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे और उन्हें गलत तरीके से हिरासत में लिया गया है।
  • मछुआरों की तत्काल रिहाई और ट्रॉलरों की वापसी की मांग की गई है।

    India's reaction to Sri Lanka's detention of 22 Indian fishermen
    India’s reaction to Sri Lanka’s detention of 22 Indian fishermen

भारतीय मछुआरे संघ:

  • भारतीय मछुआरे संघों ने इस घटना की निंदा की है और मछुआरों की रिहाई के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
  • उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को बार-बार परेशान किया जाता है और यह एक गंभीर समस्या है।
  • उन्होंने सरकार से इस मामले पर श्रीलंका सरकार के साथ कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया है।

भारतीय मीडिया:

  • भारतीय मीडिया ने इस घटना को प्रमुखता से उठाया है और इसे एक गंभीर मुद्दा बताया है।
  • मीडिया ने सरकार से इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करने और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

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भारत-श्रीलंका समुद्री सीमा विवाद: 22 भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी और इसका प्रभाव  India- Sri Lanka maritime boundary dispute: Arrest of 22 Indian fishermen and its impact

श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 22 भारतीय मछुआरों को हिरासत में लेने की घटना ने भारत-श्रीलंका समुद्री सीमा विवाद को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह विवाद दशकों से चल रहा है और दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव का एक प्रमुख कारण रहा है।

विवाद का सार:

  • भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमा का सीमांकन 1974 और 1976 में हुए दो समझौतों द्वारा किया गया था।
  • इन समझौतों के तहत, कच्चातीवू द्वीप श्रीलंका को दिया गया था, लेकिन द्वीप के आसपास के समुद्री क्षेत्र पर दोनों देशों का दावा है।
  • भारत का कहना है कि इस क्षेत्र में उसके मछुआरों का पारंपरिक अधिकार है, जबकि श्रीलंका का कहना है कि यह उसका विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) है।

    India-Sri Lanka maritime boundary dispute: Arrest of 22 Indian fishermen and its impact
    India-Sri Lanka maritime boundary dispute: Arrest of 22 Indian fishermen and its impact

22 भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी:

  • श्रीलंकाई नौसेना ने 22 भारतीय मछुआरों को कथित तौर पर श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध मछली पकड़ने के आरोप में हिरासत में लिया है।
  • भारत ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है और मछुआरों की तत्काल रिहाई की मांग की है।

विवाद का प्रभाव:

  • यह विवाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा करता है।
  • यह भारतीय मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करता है, जो अक्सर श्रीलंकाई नौसेना द्वारा परेशान किए जाते हैं।
  • यह क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है।

समाधान:

  • इस विवाद को राजनयिक माध्यमों से हल करने की आवश्यकता है।
  • दोनों देशों को एक स्थायी समुद्री सीमा समझौते पर पहुंचने के लिए बातचीत करनी चाहिए।
  • इस बीच, दोनों देशों को मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें परेशान करने से बचने के लिए कदम उठाने चाहिए।

22 भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी ने भारत-श्रीलंका समुद्री सीमा विवाद को फिर से उजागर किया है। यह विवाद दोनों देशों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है और इसे जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है।

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