केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने यूको बैंक (Uco Bank) में हुई 820 करोड़ रुपये की संदिग्ध IMPS लेनदेन के मामले में राजस्थान और महाराष्ट्र में 67 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी इस घोटाले के संबंध में की गई थी, जिसमें लेनदेन को गलत तरीके से पोस्ट किया गया था और यूको बैंक खातों में 820 करोड़ रुपये जमा कर दिए गए, जबकि वास्तव में जिन खातों से यह पैसा आया वहां से कोई राशि डेबिट नहीं हुई थी।

uco bank
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घोटाले का विवरण: UCO Bank IMPS Scam

जांच में पता चला है कि यूको बैंक के खातों में 820 करोड़ रुपये गलत तरीके से जमा कर दिए गए थे। ये पैसा कथित रूप से सात अन्य निजी बैंकों के लगभग 14,600 खातों से आया था। चौंकाने वाली बात ये है कि इन 14,600 खातों से कोई पैसा डेबिट नहीं हुआ! इसका मतलब है कि यूको बैंक के खातों में रातोंरात करोड़ों रुपये आ गए, बिना किसी वास्तविक लेनदेन के।

Central Bureau of Investigation CBI
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  • यूको बैंक ने नवंबर 2023 के अंत में सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराई थी।
  • आरोप है कि 10 नवंबर से 11 नवंबर 2023 के बीच, सात निजी बैंकों के लगभग 14,600 खाताधारकों के खातों से की गई आईएमपीएस राशि को गलत तरीके से यूको बैंक के 41,000 से अधिक खातों में जमा कर दिया गया।
  • नतीजतन, यूको बैंक खातों में 820 करोड़ रुपये जमा हो गए, जबकि वास्तव में जिन खातों से यह पैसा आया वहां से कोई राशि डेबिट नहीं हुई थी।
  • सीबीआई के अनुसार, कई खाताधारकों ने इस स्थिति का फायदा उठाकर विभिन्न बैंकिंग चैनलों के माध्यम से अवैध रूप से धनराशि निकाल ली।

UCO Bank पर CBI छापेमारी:

  • सीबीआई ने जयपुर, जोधपुर, जालोर, नागौर, बाड़मेर और फलोदी (राजस्थान) और पुणे (महाराष्ट्र) में छापेमारी की।
  • लगभग 130 संदिग्ध दस्तावेज (यूको बैंक और आईडीएफसी से जुड़े) और 43 डिजिटल उपकरण (40 मोबाइल फोन, 2 हार्ड डिस्क और 1 इंटरनेट डोंगल) जब्त किए गए।
  • मौके पर 30 संदिग्धों से पूछताछ की गई।

सीबीआई को शक है कि कई यूको बैंक खाताधारकों ने इस गलत जमा राशि का फायदा उठाया होगा। उन्होंने विभिन्न बैंकिंग चैनलों के माध्यम से अवैध रूप से इस धन को निकाल लिया होगा। सीबीआई इस पूरे घोटाले के पीछे के लोगों और जालसाजों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इन अवैध रूप से निकाले गए करोड़ों रुपयों का क्या हुआ।

यह आईएमपीएस घोटाला बैंकिंग प्रणाली में सुरक्षा की कमियों को उजागर करता है। सीबीआई की जांच से उम्मीद है कि इस जटिल मामले का पर्दाफाश होगा और दोषियों को सजा मिलेगी। साथ ही, भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोकने के लिए बैंकिंग प्रणाली में सुधार भी किए जा सकते हैं। 

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